Sunday, March 3, 2013

सातवी सीढी का रहस्य

जीवन मे सात अंक का रूप राहु के रूप मे जाना जाता है। हिन्दी मे या अंग्रेजी मे सात का अंक एक हथियार का रूप प्रस्तुत करता है तो चीन मे सात का अंक ड्रेगन के रूप मे देखा जाता है। इस अंक की विशेषता यह होती है कि मकान दुकान घर कार्यालय मे इसकी उपस्थिति से लोग अपने अपने अनुसार राहु का प्रयोग करते देखे गये है। लेकिन घर के अन्दर अक्सर सात सीढी उन्ही लोगो के यहां मिलती है जो लोग या तो शराब के व्यवसाय मे या फ़ैसन के लिये अथवा दवाइयों और फ़ार्मेशी वाली कामो मे बिजली पेट्रोल या शक्ति वाले साधनो से जुडे होते है। कहने को तो सूर्य सबसे बलवान है लेकिन राहु की छाया से वह भी ग्रसित है सातवा दिन वैसे तो शनिवार का होता है लेकिन हर दिन सुबह शाम राहु का होता है। जब दिन निकलता है तो राहु की छाया अन्धेरे से उजाले की तरफ़ ले जाती है और जब शाम होती है तो राहु की छाया दिन को रात की तरफ़ ले जाती है। सात की संख्या मे सीढी का प्रयोग और भी हितकारी जब हो जाता है जब घर के अन्दर पूर्वजो की मान्यता को माना जाता है। लेकिन इन सीढियों के बारे मे दिशा के अनुसार अपना अपना असर देखने को मिलता है।
  • सीढी का महत्व दिशा के अनुसार समझने के लिये बहुत जरूरी होता है,जिन घरो मे सीढिया पहले दक्षिण की तरफ़ चढती है और बाद मे उत्तर की तरफ़ चढती है तो उस घर मे अगर गुस्सा करने वाली स्त्री है तो उसका गुस्सा पारे की तरह अचानक चढता है और पारे की तरह से ही जल्दी उतर भी जाता है घर के अन्दर शराब कबाब का अधिक महत्व है तो वह लगातार परिवार मे बढता ही जाता है.
  • अगर सीढी उत्तर की तरफ़ पहले चढती है तो और वह सात की संख्या मे पहली स्टेप है तो यह जरूरी है कि या तो धन की बढोत्तरी लगातार अनाप सनाप होती जायेगी और बाद मे अक्समात ही समाप्त होकर कर्जे के लिये जाना पड सकता है लेकिन जो भी होगा वह बहुत बुरी तरह से बढाने वाला या घटाने वाला होगा अक्सर इस संख्या मे जाने वाली उत्तर की तरफ़ की सीढिया जुआरी जल्दी से धन कमाने वाले शेयर सट्टा आदि का काम करने वाले कर्जा देने वाले और कर्जा लेने वाले लोगो के लिये देखा गया है जो लोग वित्तीय संस्था को चलाने वाले होते है उनके लिये भी यह सात की संख्या मे सीढियों का होना देखा गया है लेकिन उनका फ़ैलाव अगर हो रहा है तो वे अपनी फ़ैलाव की परिधि को बढाते जाते है और जब वे सिमटते है तो धीरे धीरे बिलकुल ही समाप्त हो जाते है.
  • अगर सीढी का चढाव पूर्व की तरफ़ हो रहा है तो घर के अन्दर भजन कीर्तन या किसी प्रकार की भक्ति आदि का इतना महत्व होगा कि परिवार के सभी व्यक्ति जुडे होंगे,वे सभी अपनी अपनी गति से किसी भी भगवान या देवी देवता की तरफ़ लगातार बढते जायेंगे और इतने बढते जायेंगे कि वे अन्य किसी काम को करना समझ ही नही पायेंगे,लेकिन दूसरा स्टेप जब दक्षिण या उत्तर की तरफ़ जाता हुआ मिलता है तो या तो भोजन या प्रसाद के रूप मे घर मे आवक होगी या किसी प्रकार की वित्तीय सहायता के लिये अन्य लोगो के प्रति आस्था रखी जायेगी.
  • अगर सीढी का चढाव पश्चिम की तरफ़ है पहली स्टेप की संख्या सात मे है तो जरूरी है कि घर के लोग भौतिक रूप से जमीन जायदाद घर मकान व्यवसायिक क्षेत्र मे लगातार प्रगति करने वाले होंगे वे किसी भी राशि या किसी भी क्षेत्र से पहले जुडे हो लेकिन इस प्रकार के मकान मे प्रवेश करते ही उनकी प्रोग्रेस इन्ही क्षेत्रो मे होने लगती है। 
  • अगर सीढी का चढाव ईशान की तरफ़ है तो व्यक्ति अपनी प्रोग्रेस को धार्मिक रूप से या कानूनी रूप से या ऊंची शिक्षा के रूप से उन्नति मे सहायक होते है अक्सर इस क्षेत्र के लोग ही विदेश मे जाकर या विदेशी कामो में सफ़लता प्राप्त करते है,लेकिन यह भी देखा गया है कि जैसे ही उनके लिये किसी प्रकार का बदलाव तीन साल या इससे अधिक अवधि का होता है वे नीचे गिरते हुये भी देखे जाते है राहु का समय अठारह महिने का होता है और यही कारण पीछे की चिन्ता आगे की चिन्ता और चलने वाले कामो की चिन्ता के लिये भी माना जा सकता है.
  • अगर सीढी का चढाव वायव्य की तरफ़ है तो व्यक्ति इस प्रकार के मकान मे रहकर समाचार पत्रो या अपनी कार्य प्रसिद्धि से या अपने सुझाव देने वाली नीति से अपने को प्रसिद्धि मे लाता है यही कारण उसकी प्रोग्रेस का होता है अक्सर इस प्रकार के मकान माता के नाम होते है या उनके किसी ऐसे पूर्वज के नाम से होते है जिसने अपनी जिन्दगी मे नाम कमाया होता है.

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