लालकिताबी उपाय बहुत ही सटीक और कारगर होते है,इन्हे करते रहने से जीवन मे आने वाली बाधायें पनप नही पाती है और जीवन सुचारु रूप से चलता रहता है। मेष राशि वालो के लिये जो उपाय बताये गये है वे इस प्रकार से है - सबसे पहला उपाय है कि किसी से भी कोई वस्तु मुफ़्त मे नही ले,इस उपाय का कारण है कि मुफ़्त मे मिलने वाला माल आठवें भाव का होता है और मेष राशि के लिये इस भाव मे बद मंगल की वृश्चिक राशि आती है,इस राहु का प्रभाव शमशानी होता है जितना माल मुफ़्त का लिया जायेगा उतना ही जातक को प्रभाव शमशानी मिलता जायेगा उसे बार बार अस्पतालो मे जाकर इलाज करवाना पडेगा घर के ही लोग उसके दुश्मन बनते जायेंगे वह किसी भी बात मे रिस्क लेने से घबडाने लगेगा और जीवन एक प्रकार से लगातार गिरता ही जायेगा। दूसरा उपाय है कि जातक किसी भी प्रकार से हड्डी सींग और जानवरों के अवयवो से बने सामान को प्रयोग नही करे इसका कारण है कि मेष राशि के लिये केतु हमेशा ही खतरनाक है कभी भी केतु इस राशि वालो को कोई फ़ायदा नही देता है कारण इस राशि का स्वामी मंगल होता है और मंगल तथा केतु मे कभी बनती नही है जब भी जातक इस प्रकार की वस्तुओं का इस्तेमाल करेगा उसकी गुस्सा बढती जायेगी और तकनीकी कामो के अन्दर अथवा किसी प्रकार की रक्षा सेवा जैसे कामो मे उसे केतु की उपस्थिति से बने हुये काम के अन्दर बिगाड ही मिलेगा। इसी प्रकार से कहा जाता है कि इस राशि वाले अगर कोई लाल रंग का रूमाल या कपडा अपने पास रखे तो उन्हे काफ़ी सहूलियत रहती है इसका भी कारण है कि लाल रंग का रूप मंगल के लिये माना गया है और मंगल की उपस्थिति से जातक की बुद्धि तकनीकी बनी रहती है उसे कोई भी अपनी शनि वाली चालाकी से परेशान नही कर सकता है। एक उपाय यह भी कहा गया है कि दिन छुपने के बाद जातक गेंहू से बने खाद्य पदार्थ जिनके अन्दर गुड या शक्कर का उपयोग किया गया हो बच्चो में बांटे इसका कारण है कि मेष राशि का प्रभाव दिन के उजाले मे अधिक रहता है रात को यह प्रभाव मंगल का राख मे छुपी आग की तरह से हो जाता है,गेंहू सूर्य के लिये प्रयोग किया जाता है और मीठी चीज मंगल के लिये प्रयोग मे लायी जाती है,दोनो को केतु यानी बच्चो में बांटने से जातक की प्रसिद्धि भी बढती है और जो साधन उसे रात के अन्धेरे मे काम करने के लिये जरूरी होते है या रक्षा के लिये जरूरी होते है वह उसे मिलते जाते है कभी कभी जातक को बिना सोचे काम करने की आदत पड जाती है जिसके कारण जातक बहुत ही घाटा उठा जाता है या किसी काम को पूरा नही कर पाता है उसके लिये भी यह उपाय जातक को फ़लीभूत करता है। यह उपाय मैने यानी रामेंद्र सिंह भदौरिया ने कई बार लोगो को बताये है और उन्हे तरक्की मिली है इस लिये यह उपाय परीक्षित है। इस राशि वालो को बायें हाथ में सूर्य वाली उंगली मे चांदी का छल्ला धारण करना भी जरूरी होता है कारण जातक के अष्टम मे वृश्चिक राशि होने से और गोचर से केतु के प्रभाव से जातक को पेशाब वाली बीमारिया हो जाती है चांदी का छल्ला अनामिका मे पहिने जाने से एक प्रकार की नश का कन्ट्रोल होना हो जाता है और पेशाब वाली बीमारियों से राहत मिलती है। अपने केतु को पहिचानने के लिये आप मेरी बेवसाइट आस्ट्रोभदौरिया डाट काम पर अपना प्रश्न भेज सकते है। इस राशि वालो को साधु संतो और मां और गुरु की सेवा करनी भी जरूरी होती इसका कारण है कि साधु और संत केतु की श्रेणी मे गिने जाते है और गुरु भाग्य का मालिक होता है उनकी सेवा करने से केतु का प्रभाव बारहवे भाव मे चला जाता है और जातक को बडे नाम के साथ साथ भाग्य मे भी बढोत्तरी होती रहती है इसी प्रकार से मेष राशि के चौथे भाव का मालिक चन्द्रमा होता है और चन्द्रमा को माता के रूप मे देखा जाता है अगर जातक अपनी माता का आदर करता रहता है तो जातक को मानसिक शांति रहने वाले स्थान की प्राप्ति वाहन आदि की दिक्कत नही होती है साथ ही मन जब शांत होता है तो सभी काम होते रहते है। इस राशि वालो के लिये यह भी कहा गया है कि वे काले काने और अपाहिज लोगों की सेवा दूसरे से करवाते रहे खुद नही करे कारण यह तीनो श्रेणी के लोग अपने कर्मो से ही शनि की सजा भुगत रहे होते है और उनकी सहायता अपने से करने पर उनके प्रभाव खुद इस राशि वालो पर आजाते है जैसे अपंग को देखकर अपंगता को महसूस करना और एक आंख वाले को देखकर अपने को भी एक आंख का दर्द महसूस करना आदि,इस राशि वालो के लिये कहा गया है कि वे किसी भी प्रकार से मीठी वस्तुओ का व्यापार नही करे इसका कारण है कि वे अगर मीठी चीजो का व्यापार करते है तो वह मीठी चीजो को जलायेंगे और जलाने से मंगल बद हो जायेगा जो तरह तरह के कारण पैदा कर देगा। घर मे जहां भी जगह हो वहां पर नीम का पेड लगाने की बात भी की जाती है इसका कारण नीम का पेड मंगल का होता है और नीम का पेड घर मे होने पर वायु रोगो को दूर करने के लिये काफ़ी होती है। सबसे बडा उपाय जो इस राशि वालो के लिये कहा गया है उसके अन्दर सदाचार से रहने का कारण भी बताया गया है यानी इस राशि के लोग अगर सम्बन्धो के मामले मे अपने को भटकाये रहते है तो उन पर केतु की सवारी मानी जाती है और जो औकात उनकी होनी चाहिये वह नही रह पाती है वे केवल भटकते हुये कुत्ते के माफ़िक ही रह जाते है जो लोग उनसे विश्वास करने के बाद फ़ायदा देने वाले होते है उनका विश्वास उनसे हट गया होता है। इस राशि वालो के लिये यह भी कहा गया है कि रात को सोते समय अपने सिरहाने पानी का गिलास रखे और सुबह को उठकर उसे गमले मे या किसी पेड मे डाल दें,इस का कारण यह भी चन्द्रमा सिर के पास होने से जो भी अला बला होती है वह पानी के अन्दर ही रह जाती है शरीर मे प्रवेश नही कर पाती है। जब भी घर मे इस राशि वालो को पुत्र जन्म की खुशी होती है उस समय जातक को घर मे मीठी चीज की जगह पर नमकीन चीजो को ही बांट्ना ठीक होता है कारण जातक का पुत्र सूर्य की सिंह राशि के असर का होता है और सूर्य और मंगल को मिलाने से जातक के पुत्र को दिक्कत हो जाती है इसलिये सूर्य की नमकीन चीजे ही बांट्ना ठीक होता है। जब भी बहिन बुआ बेटी के पास जाना हो तो इस राशि वालो को उपहार मे मीठी चीज जरूर उपहार मे देना होता है इसका कारण भी है इस राशि वाले अक्सर अपने जीवन मे कमन्यूकेशन के मामले मे कडक होते है और किसी से भी कडी जुबान मे बात करने के कारण अक्सर अकेले ही रह जाते है मिठाई बांटने से उनकी कडक आदत मे कुछ सुधार भी होता है और बहिन बुआ बेटी के लिये मंगल रक्षा के लिये भी अपनी शक्ति को प्रदान करने लगता है। इस राशि वालो को विधवा स्त्री से कभी भी पंगा नही लेना चाहिये कारण विधवा स्त्री की जुबान पर राहु के होने से वह जो भी बददुआ देगी वह पूरी हो जायेगी इसलिये जहां भी कोई कारण विधवा स्त्री से जूझने का आये तो दूर हो जाना ही ठीक होता है।
Guru ji plzz share upay for vrishubh & kark rashi too..
ReplyDeleteमेरे व्यक्तिगत अनुभव से इस राशि के जातकों को सिर सदा दक्षिण दिशा की ओर रखकर सोना चाहिए.व कभी भी लगातार कोई झूठी बात नहीं कहनी चाहिए.क्योंकि इनके द्वारा कही जाने वाली बात आखिर में सच होती जाती है अततः सदा सकारात्मक बातें ही करें.
ReplyDeleteबाकी आपके लेख पर कोई कमेन्ट करना सूरज को दिया दिखाना है.सादर चरण स्पर्श गुरुदेव.