Tuesday, July 17, 2012

मारक बुध

बुध का रूप बहुत ही कोमल नाजुक माना जाता है फ़ूल में पंखुडियां बुध की होती है पंखुडियों की सजावट शुक्र करता है और राहु खुशबू देता है,फ़ूल को साधने का काम भी बुध करता है वह हरे पत्तों के रूप में भी और हरे रंग के रूप में भी,केतु उसकी टहनी होती है,जड शनि और गुरु खुशबू को फ़ैलाने वाली वायु.फ़ूल के रंग अलग अलग ग्रहों के आधार पर देखे जाते है चन्द्रमा सफ़ेद सूर्य गुलाबी मंगल लाल गुरु से पीला शनि से काला राहु से धूमिल और केतु से चितकबरा.कई रंगो का मिलावटी रूप भी देखा जाता है जैसे गुलाब में गुलाबी भी होता है तो सफ़ेद भी होता है काला भी होता है लाल गुलाब भी होता है। समय कुंडली के नवांस से मन का कारक चन्द्रमा जिस भाव में होता है उस भाव और उस राशि का रंग ही दिमाग मे रहता है अक्सर चालाक ज्योतिषी पहले से ही फ़ूल का नाम लिख लेते है और जातक से जब फ़ूल का नाम पूंछा जाता है तो जातक उसी फ़ूल का नाम बताता है जो ज्योतिषी ने लिख लिया होता है,यह आश्चर्य की सीमा मे आजाता है और जातक का विश्वास ज्योतिषी पर पूरी तरह से हो जाता है। बुध जब मारक ग्रह का काम करता है तो मेष राषि वाले के लिये छठे भाव की बीमारियां देता है वृष राशि वाले को पेट की बीमारी देता है मिथुन राशि वाले को सांस की बीमारी देता है,कर्क राशि वाले को लकवा की बीमारी देता है सिंह राशि वाले को जुबान के रोग देता है कन्या राशि वाले को सिर के रोग देता है तुला राशि वाले को यात्राओं से इन्फ़ेक्सन देता है वृश्चिक राशि वालो को दाहिने हिस्से में सुन्नता देता है धनु राशि वाले को रीढ की हड्डी की बीमारी देता है मकर राशि वालो को पुट्ठों और नितम्बो की बीमारी देता है कुम्भ राशि वालो को जननांग सम्बन्धी बीमारी देता है,मीन राशि वालो को शरीर के नीचे के हिस्से यानी नाभि के नीचे की बीमारी देता है। आक्स्मिक हादसे में बुध जब राहु का साथ लेता है तो मेष राशि का जातक या तो बहुत सा धन इकट्ठा कर लेता है और डकैती आदि के कारण मारा जाता है अथवा बहुत बडी दुश्मनी अलावा जातियों से कर लेता है और सामाजिक दुश्मनी के कारण मारा जाता है अथवा वह अपने प्रयासो से इतना कर्जा कर लेता है कि कर्जा वसूलने वाले उसे मार डालते है,अथवा वह नौकरी आदि में अपनी बहादुरी दिखाने के चक्कर में मारा जाता है।

2 comments:

  1. budh chandra shukra ki yuti meen rashi ka phal kya hai. kendradipati dosh in kanya lagna.

    ReplyDelete
  2. कन्या लगन मे मीन राशि का बुध चन्द्र शुक्र एक छलावा की तरह से काम करते है,यहाँ बुध एक ऐसी लडकी के रूप मे काम करता है कि वह कहलाने को तो बहिन कहलाये और समय आने पर पत्नी का हक भी पूरा कर दे,इसके साथ ही चन्द्रमा भी यहा बुध के साथ मिलकर जीवन साथी के रूप मे छलावा करता है,शादी के बाद मतलब परस्ती और रिस्ता एक व्यापारी की भांति निभाना भी माना जा सकता है,शुक्र उच्च राशि का होकर केवल जीवन साथी की आराम परस्ती के लिये अपना हक अदा करता है,जातक के लिये यात्राओ वाले काम देता है माता बहिन और पत्नी के बीच मे सामजस्य बैठाने मे दिक्कत आती है,रोजाना के कामो मे कभी कभी एन वक्त पर खोपडी घूमने पर काम का खराब कर दिया भी माना जा सकता है.इस दोष को दूर करने के लिये केवल पहाडी क्षेत्रो की देवी यात्रायें ही लाभदायक होती है ज्योतिष आदि के काम भी फ़लीभूत होते है.

    ReplyDelete