जैसे ही नई साल शुरु होती है लोग अपने अपने बारे मे पूरी साल के लिये जानने के लिये उत्सुक हो जाते है,विभिन्न तरीको से लोग अपने अपने लिये साल भर के लिये जानकारी इकट्टी करना शुरु कर देते है,कई लोग अपने लिये पूरे साल का प्लान बना लेते है कि हर महिने मे उनके लिये क्या क्या अच्छा होगा और क्या क्या बुरा होगा,अखबार बेवसाइट टीवी आदि सभी अपने अपने अनुसार लिखने लगते है कोई कुछ लिखता है और कोई कुछ लिखता है,लेकिन यह जरूरी नही है कि एक राशि का प्रभाव सभी पर अपना एक ही प्रभाव दे दे,मेरे ख्याल से सभी के लिये एक ही प्रकार से लिखना सही नही है,हर किसी की कुंडली अलग अलग प्रकार से अलग प्रभाव देती है,नौ ग्रहो बारह भावो और बारह राशियों के साथ सत्ताइस नक्षत्रो अठारह सौ नाडियों के लिये लोग इतनी आसानी से अपने भविष्य कथन को कहने लगते है जैसे उन्होने यह समझ लिया हो कि यह सब साधारण है ! सभी को पता है कि कम्पयूटर चलाने के लिये अभी तक 0-1 केवल दो अंको से दुनिया भर के कार्य किये जा रहे है तो नौ ग्रहो के लिये कितनी बाइट्स बन कर तैयार हो जायेंगी,जीरो और एक अंक की क्रिया पर आदमी को घंमंड हो गया है कि उसने बहुत बडी विद्या हाशिल कर ली है जबकि एक से नौ ग्रहों की कितनी बाइट्स बनेगी,उन बाइट्स को लोग सरल भाषा मे समझ कर जैसे सुना पढा वैसे कहना शुरु कर दिया। देश काल परिस्थिति मौसम जलवायु रहन सहन आदि कितने कारक और जुड जाते है जब ज्योतिष का फ़लकथन किया जाता है।
वर्षफ़ल निकालने के लिये जरूरी नही है कि एक साल का ही निकाला जाये महिने का भी निकाला जा सकता है दिन का भी निकाला जा सकता है एक सप्ताह का भी निकाला जा सकता है एक घंटे और एक मिनट का भी निकाला जा सकता है। इसका बहुत ही सरल उपाय है जिसे कोई भी प्रयोग मे ला सकता है,और कभी भी प्रयोग मे ला सकता है शर्त है कि उसे अपनी जन्म लगन याद हो,कुंडली मे ग्रहो की स्थिति याद हो।
उदाहरण के लिये प्रस्तुत कुंडली तुला लगन की है और इसका आज से साल भर का वर्षफ़ल निकालना है। इसके लिये इस कुंडली की जन्म तारीख को महिना साल को देखना है। इसकी तारीख 29 है महिना 4 था यानी अप्रैल का है,साल 1957 की है और जन्म का समय शाम के 6 बजकर 30 मिनट का है। आज की तारीख 13 है महिना 2 है यानी फ़रवरी है,और साल 2013 है,समय सुबह के 7 बजकर 9 मिनट हुये है। इस कुंडली को आज की तारीख और समय तक घुमाकर लाना है,इसके लिये लगन से साल को गिनना शुरु करते है,कुंडली को दाहिने से बायें गिना जाता है,लगन को जन्म की साल मानकर गिनने पर जैसे तुला लगन के लिये 1957 दूसरे भाव वृश्चिक राशि जहां नम्बर 8 लिखा है 1958 जहां नम्बर 9लिखा है 1959 जहां नम्बर 10 लिखा है 1960 इसी क्रम से गिनते चले जायेंगे,इस कुंडली के अनुसार आने वाली अप्रैल के महिने से वर्षफ़ल के लिये नम्बर 3 पर पहुंचेंगे जबकि आज के लिये नम्बर 2 तक साल 2012तक ही गिनकर आगे महिने की गिनती शुरु कर देंगे,जैसे वृष राशि तक 2012 की गणना की जायेगी और 2013 अप्रैल महिने से आगे की साल का वर्षफ़ल निकाला जायेगा। लेकिन आज के वर्षफ़ल के लिये 2012 के अप्रैल महिने तक ही गिनकर आगे के लिये दसवे भाव की कर्क राशि को लगन मानकर गिनती की जा्येगी।
इसी प्रकार से किसी भी दिन का फ़लादेश निकालना आसान है और बिना किसी अधिक माथापच्ची के फ़लादेश किया जा सकता है। गोचर की ग्रहो का प्रभाव भी इसी प्रकार से निकाला जाता है। जातक जब प्रश्न पूंछने आता है तो जातक की कुंडली को देखते है,पिछले बीते हुये समय का फ़लादेश करने के लिये जातक के पिछले साल का फ़लादेश दिया जाता है और वर्तमान मे चलने वाले समय का वर्तमान मे गोचर के ग्रह और जन्म के ग्रहो के साथ आपसी सम्बन्ध देखा जाता है तथा भविष्य के लिये आज के ग्रहो का अगली गोचर की स्थिति को देखकर दिया जाता है।
इसमे मन का कारक चन्द्रमा जो इच्छा को समझने के लिये देखा जायेगा चौथा वर्तमान और भावुकता से सोची जाने वाली बात को प्रसारित करेगा आठवा भाव गुप्त सोच को प्रकट करेगा और बारहवे भाव की सोच हवाई किले बनाने जैसी होती है। लगन का चन्द्रमा शरीर और नाम के प्रति धन भाव का धन के प्रति और गुप्त रूप से किये जाने वाले कामो के प्रति तीसरे भाव का चन्दमा धर्म और न्याय के प्रति तथा खुद की यात्रा के प्रति चौथे भाव का चन्द्रमा भावनाओ को ध्यान मे रखकर सोची जाने वाली बातो के लिये और इसी प्रकार से अन्य भावो की बाते देखी जा सकती है।
वर्षफ़ल निकालने के लिये जरूरी नही है कि एक साल का ही निकाला जाये महिने का भी निकाला जा सकता है दिन का भी निकाला जा सकता है एक सप्ताह का भी निकाला जा सकता है एक घंटे और एक मिनट का भी निकाला जा सकता है। इसका बहुत ही सरल उपाय है जिसे कोई भी प्रयोग मे ला सकता है,और कभी भी प्रयोग मे ला सकता है शर्त है कि उसे अपनी जन्म लगन याद हो,कुंडली मे ग्रहो की स्थिति याद हो।
उदाहरण के लिये प्रस्तुत कुंडली तुला लगन की है और इसका आज से साल भर का वर्षफ़ल निकालना है। इसके लिये इस कुंडली की जन्म तारीख को महिना साल को देखना है। इसकी तारीख 29 है महिना 4 था यानी अप्रैल का है,साल 1957 की है और जन्म का समय शाम के 6 बजकर 30 मिनट का है। आज की तारीख 13 है महिना 2 है यानी फ़रवरी है,और साल 2013 है,समय सुबह के 7 बजकर 9 मिनट हुये है। इस कुंडली को आज की तारीख और समय तक घुमाकर लाना है,इसके लिये लगन से साल को गिनना शुरु करते है,कुंडली को दाहिने से बायें गिना जाता है,लगन को जन्म की साल मानकर गिनने पर जैसे तुला लगन के लिये 1957 दूसरे भाव वृश्चिक राशि जहां नम्बर 8 लिखा है 1958 जहां नम्बर 9लिखा है 1959 जहां नम्बर 10 लिखा है 1960 इसी क्रम से गिनते चले जायेंगे,इस कुंडली के अनुसार आने वाली अप्रैल के महिने से वर्षफ़ल के लिये नम्बर 3 पर पहुंचेंगे जबकि आज के लिये नम्बर 2 तक साल 2012तक ही गिनकर आगे महिने की गिनती शुरु कर देंगे,जैसे वृष राशि तक 2012 की गणना की जायेगी और 2013 अप्रैल महिने से आगे की साल का वर्षफ़ल निकाला जायेगा। लेकिन आज के वर्षफ़ल के लिये 2012 के अप्रैल महिने तक ही गिनकर आगे के लिये दसवे भाव की कर्क राशि को लगन मानकर गिनती की जा्येगी।
इसी प्रकार से किसी भी दिन का फ़लादेश निकालना आसान है और बिना किसी अधिक माथापच्ची के फ़लादेश किया जा सकता है। गोचर की ग्रहो का प्रभाव भी इसी प्रकार से निकाला जाता है। जातक जब प्रश्न पूंछने आता है तो जातक की कुंडली को देखते है,पिछले बीते हुये समय का फ़लादेश करने के लिये जातक के पिछले साल का फ़लादेश दिया जाता है और वर्तमान मे चलने वाले समय का वर्तमान मे गोचर के ग्रह और जन्म के ग्रहो के साथ आपसी सम्बन्ध देखा जाता है तथा भविष्य के लिये आज के ग्रहो का अगली गोचर की स्थिति को देखकर दिया जाता है।
इसमे मन का कारक चन्द्रमा जो इच्छा को समझने के लिये देखा जायेगा चौथा वर्तमान और भावुकता से सोची जाने वाली बात को प्रसारित करेगा आठवा भाव गुप्त सोच को प्रकट करेगा और बारहवे भाव की सोच हवाई किले बनाने जैसी होती है। लगन का चन्द्रमा शरीर और नाम के प्रति धन भाव का धन के प्रति और गुप्त रूप से किये जाने वाले कामो के प्रति तीसरे भाव का चन्दमा धर्म और न्याय के प्रति तथा खुद की यात्रा के प्रति चौथे भाव का चन्द्रमा भावनाओ को ध्यान मे रखकर सोची जाने वाली बातो के लिये और इसी प्रकार से अन्य भावो की बाते देखी जा सकती है।
सादर चरण स्पर्श.......
ReplyDeleteअच्छी जानकारी........पर मुझ जैसे मुर्ख को समझ नही आती.......
गुरुजी प्रणाम,
ReplyDeleteगुरुजी अब इसमें ग्रह किस हिसाब से माने जायेगे. मेरा मतलब अगर मेरा लगन कन्या आ रहा है इस साल का तो अपने इसी जन्मदिन के गोचर से जिस राशि में जो ग्रह है वो ही लिखा जायेगा तथा गोचर के हिसाब से मेरे जन्मदिन वाले दिन तो सिंह लगन पड़ रहा है. नादान का मार्गदर्शन करे.
धन्यवाद
राकेश जन्म दिन के हिसाब से अगर सिंह लगन आती है तो जन्म के ग्रह उसी अनुसार लिखे जायेंगे,लेकिन गोचर के ग्रहों से गोचर के ग्रहो का गणित फ़लादेश कहलायेगा.खुश रहो मजे करो.
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