कभी कई लोग बुरे होकर याद रह जाते है और कई लोग अपनी एक ही बात को कहने के बाद याद रह जाते है कई लोग आजीवन अपनी कुर्बानी देते रहे लेकिन वे किसी भी प्रकार से याद नही रह पाते है। हर मनष्य की जिन्दगी मे वृश्चिक राशि का प्रभाव किसी न किसी प्रकार से देखने को मिलता रहता है। मेष राशि पर इस राशि का प्रभाव गुप्त कामो और रहस्य को उजागर करने के प्रति होता है तो स्त्री पुरुष सम्बन्धो के लिये भी यह राशि मेष राशि वालो को प्रभावित करती है,वृष राशि के लिये जीवन साथी की धारणा को गुप्त सम्बन्ध और धन आदि के लिये किये जाने वाले गुप्त कार्य के साथ साथ जो भी सहयोगी होते है वह भी गुप्त सम्बन्धो के कारण ही आजीवन चलते रहते है,मिथुन राशि के लिये वृश्चिक राशि रोजाना के कामो के लिये धन आदि की बचत के लिये और रोजाना के किये जाने वाले कामो के लिये भी अपना असर प्रदान करती है इस राशि वाले जातको को किये जाने वाले कामो मे लोगो की सेवा मे धन आदि की बचत मे अक्सर अपमान ही मिलता है वे किसी प्रकार से किसी की सेवा भी करते है तो उस सेवा के बदले मे उन्हे अक्सर अपमान ही सहने को मिलता है यही नही मिथुन राशि वाले सेवा के अन्दर किसी भी प्रकार के उस काम को कर सकते है जो किसी प्रकार से अन्य के वश की बात नही होती है जहां लोग मान अपमान का ध्यान रखते है जहां लोग अपने कार्यों में गंदे कार्यों को करने से डरते है वही इस राशि वाले किसी भी प्रकार के उन कार्यों को करने से नही डरते है जिन कार्यों को करने से लोग बचने का प्रयास करते रहते है। कर्क राशि के लिये तो वृश्चिक राशि के प्रकार से मनोरंजन का काम करती है जब तक उनकी जिन्दगी मे कोई बात भय देने वाली नही हो शमशानी कारण जब तक मनोरंजन मे नही आये तब तक उन्हे किसी भी प्रकार के मनोरंजन मे मजा ही नही आता है और वे अक्सर उन्ही मनोरंजन के साधनो को देखते रहते है जहां भय हो गुप्त रूप से खोजबीन करने वाले कामो को दिखा जाता है या फ़िर खेल कूद मे भी एक प्रकार से बडी रिस्क को लेने से नही चूकते है उनके परिवार मे काम मे रोजाना की शिक्षा मे और शुरु की की गयी पढाई आदि मे उनके लिये रिस्क अक्सर जुडी होती है। उन्हे बचपन से ही इस प्रकार की शिक्षा मिल जाती है किसी प्रकार के स्त्री पुरुष सम्बन्धो के प्रति उन्हे अपनी जवानी मे सीखने की जरूरत नही पडती है साथ ही वे इस प्रकार के सम्बन्ध बनाने और लोगो के भावनात्मक प्रभाव का फ़ायदा उठाने से भी इसी प्रकार से कार्य करने से नही चूकते है। सिंह राशि वाले तो अपने मन के अन्दर ही खोजबीन और भय के कारण बनाने और खुद मे महसूस करने के लिये रखते है जब तक सिंह राशि वाले वृश्चिक राशि का प्रभाव लेकर रहने वाले स्थान अपनी सीमा या हदबंदी के अन्दर भय या आतंक का माहौल नही बनापाते है उन्हे रहने वाले स्थान मे मजा ही नही आता है यही बात वे अपने घर के अन्दर भी देखते और करते है और यही बात जहां भी वे आना जाना रखते है वहां भी उनकी इस प्रकार की शैली को देखा जा सकता है। लेकिन इसी कारण से वे एक प्रकार से अपनी अहम की नीति को भी कायम रखना जानते है क्योंकि उन्हे अपने बचपन से ही रिस्क लेने का खोज बीन करने का गुप्त बातो को जानने का और मानसिक रूप से शक या इसी प्रकार की बातो से जूझना होता है अक्सर इस राशि वालो की माता का स्वभाव भी इसी प्रकार का होता है कि वह उन्हे बचपन से ही रिस्क लेने का अपनी ही ताकत से सिंह राशि के जातको को पालने पोषने का काम करती है पिता का नाम तो केवल नाम का ही होता है या केवल साथ धन और समाज आदि की इज्जत के लिये ही माना जाता है। कन्या राशि के लिये भी वृश्चिक राशि का प्रभाव एक प्रकार से बीमारी अस्पताली अथवा दवाइयों आदि के रूप मे लोगो की सहायता करना और एक प्रकार से अपने को दिखाने के लिये कि वे सेवा करना जानते है और किसी भी समय कैसा भी काम अपनी बोली जाने वाली भाषा और व्यवहार के कारण प्रस्तुत करना जानते है। यही नही वे अपने को अक्सर अपने कार्यों और पहिनावे के कारणो को गुप्त भी रखना जानते है वे क्या कर रहे है कब कहां जा रहे है उन्हे लोगो के सामने प्रकट करने मे हिचक लगती है जब भी वे कोई काम करना या अपने कार्यों को प्रस्तुत करना चाहते है वे उसे गुप्त रूप से समझकर ही करते है। इसके बाद एक और बात भी देखी जाती है कि जब भी वे अपने जीवन साथी के प्रति अधिक स्नेह की धारणा बनाते है तो उनके अन्दर एक भाव पैदा हो जाता है कि जीवन साथी के पिता और परिवार से प्राप्त सहायता कितनी मूल्यवान है और किस प्रकार से उस सहायता और मूल्य को गुप्त रूप से प्राप्त कर लिया जाये अक्सर कन्या राशि के जातको के जीवन साथी विवाह के बाद अपने परिवार और समाज तथा मान मर्यादा से दूर जाते देखे जा सकते है या तो वे दूर कहीं जाकर अपने जीवन को व्यतीत करते है या फ़िर अपने को अपनी संतान या कार्यों से अपने लोगो के अन्दर इतने दुखद रूप से गिरा लेते है कि वे खुद ही अपने अन्दर एक प्रकार की हीन भावना को समझते है और अपने प्रति कभी ऊंची नजर से अपने ही लोगो के अन्दर नही आ पाते है तुला राशि के लिये इस राशि का प्रभाव या तो दवाइया खाने के लिये या मुंह की बीमारी के लिये अथवा मुफ़्त मे प्राप्त की जाने वाली भौतिक सहायताओ के लिये जिनके अन्दर अक्सर वे वस्तुये होती है जो जन साधारण की जानकारी मे नही होती है जैसे दवाइयां वे शब्द जो जन साधारण के समझ से बाहर होते है आदि बाते आती है,इस राशि वालो के लिये वृश्चिक राशि अक्सर दवाइयों को खाते रहने हमेशा किसी न किसी प्रकार की रिस्क को झेलते रहने के लिये अपमानित होने के लिये समस्या को बनाते रहने के लिये आंखो के लिये तथा चेहरे के लिये अपने प्रति अस्पताली कारणो को पैदा करते रहने के लिये किसी न किसी प्रकार के तामसी भोजन को खाते रहने से अथवा उस प्रकार के भोजन को पसंद करते रहने के लिये जो जन साधारण मे हीन भावना से देखा जाता है आदि बाते देखी जा सकती है। धनु राशि वाले लोग इस राशि को अक्सर बाहरी यात्रा या खर्च करने के कारणो मे समझते रहते है जैसे किसी यात्रा मे जाने के समय मे यात्रा का निरर्थक हो जाना,यात्रा मे जाने के बाद किसी न किसी प्रकार की जोखिम को लेने की बात का होना आदि बाते देखी जा सकती है।
गुरुजी प्रणाम.
ReplyDeleteराकेश खुश रहो मजे करो,मानसिक उद्वेग का समय है इसलिये अपने को बाहरी कारणो से बचाकर चलना जरूरी है.
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