Monday, March 4, 2013

राहु घुमा देता है बुद्धि को

कुंडली मे राहु का गोचर जन्म के गोचर से कुछ अलग ही माना जाता है जन्म के समय का राहु तो व्यक्ति के अन्दर अपनी शक्ति के अनुसार सम्बन्धित भाव और राशि तथा ग्रहों का प्रभाव अजीवन देता है लेकिन गोचर का राहु अपने अनुसार कुछ अलग से ही अपने असर को प्रदान करता है। एक प्रसिद्धि आदमी बदनामी को झेलने लगता है और एक बदनाम आदमी प्रसिद्ध हो जाता है यह सब राहु का खेल ही माना जाता है।
कहा जाता है कि नशा आदमी को या तो बरबाद कर देता है या इतना आबाद कर देता है कि उसकी सात पुस्तो में कोई आबाद या बरबाद नही हुआ होता है। आदमी को कई प्रकार के नशे झेलने को मिलते है,कुंडली के बारह भावो के अनुसार नसे भी बारह भावो से जुडे होते है बदलती है तो केवल प्रकृति राशि ग्रहो के असर और ग्रहो की द्रिष्टि से नशे की लत बदल जाती है।
राहु पहले भाव मे अपने को अपने शरीर से अलग ही नही होने देता है वह जो भी सोचने को मजबूर करता है वह केवल अपने शरीर अपने नाम अपने परिवार अपनी जीवन शैली अपने धर्म और भाग्य के प्रति ही सोचता रहता है इन्ही कारको को वह आगे बढाने के लिये कितने ही प्रयास होते है वह करता रहता है। शरीर के बल को बढाने के लिये राहु हमेशा ही अपने प्रयास जारी रखता है,वह असर दवाइयों के प्रयोग से अपने को शक्ति से पूर्ण करने के लिये राहु के साधनो का प्रयोग करना आदि बाते मानी जाती है। यह भी देखा जाता है ऐसा व्यक्ति अपने आसपास के माहौल से एक प्रकार की लोगो की भीड को भी इकटठा करना जानता है और उसे अपने बाहु बल के लिये भीड का प्रयोग करना भी आता है। यही बात पहले भाव के नाम के लिये भी जानी जाती है अक्सर देखा होगा कि एक व्यक्ति कितने ही लोगो से अपने को जोड कर रखता है और वह अकेले रहने के लिये कभी भी तैयार नही होता है वह भीड भाड वाले स्थान पर रहने लोगो के कलरव के बीच अपनी बात को कहने के लिये और जितने भी लोग उसके आसपास होते है उन्हे सभी को अपने अनुसार अपने घेरे मे रखने के लिये अपनी तैयारी भी रखता है और जैसे भी हो राशि और ग्रहो के असर से वह सभी को अपने घेरे मे रख कर जिन्दा रखना चाहता है। उसे बिना लोगो के साथ रहे चैन भी नही आता है उसे लगता है कि जब वह लोगो से दूर होता है तो वह कुछ है ही नही या उसके पास से सब कुछ छीन लिया है।
अपने नाम को प्रसारित करने के लिये भी उसकी तैयारी चलती रहती है वह चाहता है कि कितने ही लोग उसके नाम को ले,अपने नाम को वह राशि और ग्रहो के अनुसार प्रसारित करने के लिये अपनी बुद्धि को का प्रयोग करता है। वह अगर मेष राशि का प्रभाव प्राप्त करता है तो वह चाहता है कि उसके लिये एक प्रकार से रक्षा करने वाले कारणो मे उसका नाम बडे रूप मे लिया जाये उसे कोई पदक या या इसी प्रकार की पोस्ट मिले जिससे वह अपने को अपनी पोस्ट और पदक के अनुसार अपनी छाया मे रख सके उसे अपने नाम के प्रति अभिमान बना रहे वह अपने नाम का प्रयोग करने के बाद अपने काम को करवा ले वह अपने नाम के आगे किसी और नाम को सुनना भी नही चाहता है। उसका नाम अखबारो मे चले उसका नाम टीवी पर चले और जो देखो वह उसके नाम का ही गुणगान करे। यह एक प्रकार का बडा नशा इसलिये माना जाता है कि हर व्यक्ति अपने नाम को ही सुनना चाहता है उसे किसी अन्य का नाम सुनने के बाद एक प्रकार की अजीब सी अशान्ति सी होती है। वह चाहता है कि लिये जाने वाले नाम के स्थान पर उसका नाम लिया जाता तो कितनी अच्छी बात होती । इसके अलावा भी कई बार कहानियों मे गाथाओ मे इतिहास मे सुनने मे आता है कि एक व्यक्ति ने अपने रक्षात्मक कारणो से दूसरो के लिये बलिदान कर दिया,इस बात को अगर ज्योतिष के भाव से देखा जाये तो वह बलिदान का रूप राहु रूपी छाया का एक हिस्सा था,वह चाहे जान कर किया गया हो या अन्जाने मे किया गया हो,कोई न कोई कारण राहु का ही सामने आता है। वृष राशि के लिये भी राहु का प्रभाव देखा जाता है कि व्यक्ति अपने को भौतिक धन के मामले मे नामी ग्रामी बनना चाहता है वह चाहता है कि लोग उसे धनपति के रूप मे देखे और वह अपने को जहां भी जाये एक धनी व्यक्ति की हैसियत से दिखावा करे,लोग उसके प्रति अपने सम्मान को उसकी आज्ञा को  उसके प्रति किये जाने वाले व्यवहार को धन के कारण ही उच्च का समझे,वह जो भी चाहे करे और जो भी चाहे खरीदे जिसे भी चाहे प्राप्त करे। इस बात के लिये उसके अन्दर एक प्रकार का नशा पैदा हो जाता है वह केवल हर बात को काम को इन्सान को व्यवहार को धन के रूप मे ही देखना पसन्द करता है उसे इस बात से कतई भरोसा होता है कि इन्सानियत की भी कीमत होती है व्यवहार मे भी केवल एक दूसरे की सहायता का कारण होता है या इन्सान का जन्म ही केवल लोगो की सहायता करने के लिये हुआ है। उसके लिये केवल सहायता का कारण भी पैदा होता है तो वह केवल अपनी सहायता को धन के रूप मे करना चाहता है उसे अपने धन की कीमत जब पता चलती है जब वृश्चिक का केतु अपना असर देकर असहनीय दर्द और कष्ट देना शुरु करता है,तब वह सोचता है कि वह धन के नशे के अन्दर कितना दुनियादारी को भूल गया था,वह अपने धन से बडे अस्पतालो के चक्कर लगाता है जगह जगह मारा मारा घूमता है और उस समय वह वृश्चिक का केतु मजे से उसका धन हरण भी करता है और वह अपने शरीर को भी बरबाद करता है। कहा जाता है कि मिथुन राशि का राहु बडबोला बना देता है जब भी कोई बात होती है तो बात को इतना विस्तार से कहा जाता है कि इतिहास से लेकर आगे के भविष्य के लिये भी कथन शामिल हो जाता है। अगर यही राहु अपनी सी पर आजाता है तो व्यक्ति के अन्दर पहिनने ओढने के लिये रूप को संवारने के लिये इत्र तेल फ़ुलेल प्रयोग करने के लिये सेंट लगाने के लिये परफ़्यूम को प्रयोग करने के लिये अपनी चाहत को देने लगता है व्यक्ति के अन्दर लिखने पढने फ़ोटोग्राफ़ी करने बेव साइट बनाने कम्पयूटर की विद्याओ को सीखने और सिखाने तथा उनके प्रयोग करने मंत्र शक्ति ओ प्रवाहित करने अपनी कला से ख्वाब दिखाकर अपने जीवन को संवारने के लिये अपने लिये प्रभाव पैदा करने लगता है। यह भी कहा जाता है कि इस राशि का राहु व्यक्ति को बात बात मे तर्क करने की शक्ति को भी देने लगता है वह अपनी बात को मनवाने के लिये अपनी किसी भी हद की सीमा से बाहर जा सकता है,या वह लडाई झगडा आदि कुछ भी कर सकता है वह अपनी बातो मे गाली गलौज ला सकता है। जरा सी देर मे वह बात को कहीं से कहीं पहुंचा सकता है। कर्क राशि का राहु माता को झूठ बोलकर या खुद के द्वारा किसी भी बात का भ्रम पैदा करने के लिये काफ़ी है व्यक्ति किसी भी बात मे एक प्रकार का डर पैदा करने के लिये भी अपनी शक्ति को प्रवाहित कर सकता है उसके लिये कोई भी माता पिता भाई बहिन परिवार आदि कोई मान्यता नही रखते है घर के अन्दर वह खालीपन चाहता है उसे लगता है कि उसके साथ रहने वाले लोग कोई ऐसी बात न पैदा कर दे जो उसके किये गये कार्यों का खुलासा कर दें, वह अपनी बात को मनवाने के लिये अपने को चालाकी के रास्ते मे ले जाता है वह झूठ भी बोलता है और किसी भी बात को कनफ़्यूजन मे लाने के लिये तथा घर के अन्दर राहु वाले कारण पैदा करने के लिये जैसे बिजली के काम पानी और कैमिकल के काम करने का मानस बनाता है उन कामो के अन्दर जहां भीड इकट्ठी होती है वहां ही उसके काम करने का कारण बनता है वह अगर अपनी जीविका के लिये कोई साधन पैदा करता है तो कमन्यूकेशन के काम ही सामने आते है वह सहायता वाले काम भी करता है जैसे किसी भीड को सम्भालना जहां प्रोग्राम आदि होते है वहां पर अपनी उपस्थिति को देना और जो साधारण लोग है भावुक लोग है उनके अन्दर अपनी छवि को पैदा कर देना।

27 comments:

  1. गुरुजी प्रणाम,

    सच में इस राहु को आपसे बेहतर कोई नहीं जानता!
    शेष राशियों के ऊपर भी इसके प्रभाव को बताने की कृपया करे.
    धन्यवाद

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    1. राकेश खुश रहो मजे करो,शेश राशियों के प्रति भी राहु देव की भावना को लिखूंगा,बाल्ग को पार्ट मे आगे बढाऊंगा पढते रहो.

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  2. प्रणाम पंडित जी . मेरे चाचा चची ने मेरे पे और मेरे पूरे घर पे टोना टोटका करवा दिया है जिससे मेरा घर चौपट हो गया है कोई सुख नहीं है. सब परेशां है. कोई उन्नति नहीं है.दिन रात लड़ाई झगडा होता रहता है. बीमारिया लगी रहती है . कृपया इस टोने टुटके से मुक्ति का कोई अचूक उपाय बताये. आपका आभारी रहूँगा.

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    1. राजेन्द्र जी टोना टोटका एक प्रकार से भ्रम देने का सरल नाम है,इस नाम को कालान्तर से लोग प्रयोग मे लाते रहे है,और इस भ्रम के कारण ही अक्सर लोग अपनी बुद्धि को इस प्रकार से घुमा लेते है कि वे समझ नही पाते है कि आखिर उनके साथ हुआ क्या है. जब राहु दूसरे भाव मे गोचर कर रहा होता है तो जातक के लिये एक प्रकार से बहुत ही भ्रम वाला कारण बन जाता है जैसे राहु का काम होता है कि वह जिस स्थान पर है उस स्थान के नवे भाव से प्राप्त करता है और पंचम को देता है,इस भ्रम का कारण अगर आपकी नाम राशि से देखी जाये तो आपके दूसरे भाव मे राहु के होने से जो वृश्चिक राशि है और यह राशि वास्तव मे शमशानी राशि है इस राशि का राहु जो भी प्रभाव देगा वह शमशानी ही देगा,जैसे किसी वस्तु के जल जाने से निकला धुंआ उस वस्तु की समाप्त होने की निशानी है,उसी प्रकार से दूसरे भाव का राहु अगर स्मोकिंग की आदत दे रहा है तो समझना पडेगा कि व्यक्ति वस्तु को फ़ूंक कर अपने को सन्तुष्टि दे रहा है,उसी प्रकार से यह राहु तंत्र मंत्र आदि के प्रति भी अपनी पहिचान प्रकट करता है जो अघोर पंथ की तरफ़ चले जाते है जिन्हे शमशान साधना आदि मे जाना पडता है वे अक्सर इस राशि के राहु से जरूर ग्रसित होते है या इस राशि का राहु उनके लगनेश को देता है. इस राहु का एक काम और भी देखा जाता है कि यह अपने से आगे की राशि का हिस्सा लेकर पीछे की राशि को देता है,जैसे राहु दूसरे भाव मे है तो वह खुद के हिस्से से लेकर पीछे धनु राशि को प्रदान करेगा यह बात अक्सर धनु राशि से जोडने के कारण इस प्रकार से भी मानी जा सकती है जो जातक के लिये जो पैत्रिक सम्पत्ति वाले कारण है वह जातक के पिता की भौतिक सम्पत्ति से लेकर चाचा आदि को देने का काम करेगा,यह बात पिता की भौतिक सम्पत्ति का कारक दसवा भाव है जो दूसरे भाव से नवा भाव मिलता है और इस नवे भाव से राहु लेकर छठे भाव को देगा यानी व्यक्ति के चाचा आदि के प्रति इस राहु की देने वाली स्थिति बन जायेगी,पिछली चौदह जनवरी से राहु का गोचर तुला राशि मे शुरु हो गया है और शनि भी साथ है इस प्रकार से एक तो आपके लिये साढेशाती का समय शुरु हो गया है दूसरे लालकिताब के अनुसार शनि जो चाचा का कारक है वह चन्द्रमा यानी मन को फ़्रीज कर रहा है कारण उसके अन्दर राहु के मिल रहे है जो भ्रम के द्वारा आपके मानसिक रूप को प्रभावित कर रहा है इसलिये टोना टोटका आदि से अपने मन को दूर करो,कई लोग अपने लाभ के लिये इस प्रकार के कथन करते भी है और कई लोग अपने अनुसार वैमन्स्यता को फ़ैलाने के लिये बताते भी है कि अमुक ने अपने अनुसार यह कार्य किया है जो परेशान कर रहा है,जबकि यह एक प्रकार का ग्रह प्रभाव ही है,इस राहु के लिये आप उस व्यक्ति की खोज करो जो आपके और आपके चाचा के बीच मे आकर भ्रम वाली स्थिति को पैदा कर रहा है यह कोई या तो आपकी माता या इसी प्रकार के सम्बन्ध वाली स्त्री जो सास जैसी भी हो सकती है को बता रहा है और दूर बैठ कर आपको और आपके चाचा को लडाकर मजे ले रहा है अथवा कोई ऐसा व्यक्ति है जो आपके दोनो के प्रति यह चाहता है कि यह दोनो लडे और लडने के बाद परेशान होकर सम्पत्ति जिसके प्रति विद्वेष भाव चल रहा है को ओने पोने दामो मे बेच कर अथवा चलते हुये साझेदारी के कामो को दूर करने के बाद उस काम को खुद करना शुरु करे,घर का चौपट होना तब होता है जब व्यक्ति की बुद्धि ही काम नही करे,बुद्धि को काम मे सामने लाने के लिये पहले जो कारण बन चुके है जो नशा दोनो पर चढा हुआ है उस नशे के अहम को पहले समाप्त करो उसके बाद अपनी अपनी तरक्की को देखो.बाकी की हरि इच्छा.

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  3. गुरूजी प्रणाम ....राहू पर यह पोस्ट बहुत ही अदभुत जानकारी दी है आपने ...धन्यवाद ...जन्म लगन में.दसवे भाव का राहू तुला लग्न गौचर में पंचम भावका राहू धीरे धीरे सबसे दूर करने का कारण पिता से अनबन ..गलत फहमी रोजाना के काम में भ्रम वाली स्थिति को पैदा करता है ...

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  4. खुश रहो कपूर तुला लगन का दसवे भाव का राहु नौकरी कर्जा दुश्मनी बीमारी आदि के बारे मे गुप्त जानकारी और गूढ सेवा वाले भावो के बारे मे प्राप्त करने के बाद धन मान सम्मान कुटुम्ब आदि के प्रति अपनी भावना को देता है,जो भी बाते बाहरी ज्ञान के प्रति जानी जाती है वह भी इस राहु के कारण मृत्यु के बाद के जीवन कार्य आदि का विश्लेषण करने के लिये अक्समात भावी घटना का मन मे आने से भी जोडा जाता है गोचर से पंचम मे आने के बाद राहु का राहु से षडाष्टक योग हो जाता है इस कारण विद्या और बुद्धि के मामले में एक प्रकार से वह ज्ञान प्राप्त हो जाता है जो सम्भवत: हर किसी को प्राप्त नही हो पाता है.

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  5. guru dev namaskar
    mera lgana mithun h aur mesha rashi ka rahu aur chandra ki yuti h 11th house me h
    kuch upay de

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    1. मेष राशि का राहु चन्द्र मिथुन लगन के लिये एक प्रकार से डाकिया जैसा जीवन देता है जैसे एक डाकिया दूसरो की खबरें देने का काम करता है उसी प्रकार से जातक दूसरो की सेवा के लिये आदेश से काम करने वाला होता है बडी बहिन बडे भाई और मित्रो के मामले मे यह राहु एक प्रकार से संकुचित विचारो वाला व्यक्ति बनाता है साथ ही लाभ के मामले मे हमेशा ही कोई न कोई चिन्ता लगी रहती है जो भी जातक के प्रति शिक्षा और परिवार के मामले मे किया जाता है वह हमेशा किसी न किसी चिन्ता के द्वारा ही किया जाता है जातक के मित्रो मे से ही कोई न कोई महिला जातक के लिये छल जैसा व्यवहार करती है और जातक को जो रोजाना के कारण बनते है उनके अन्दर अपने दखल देने से सोचने और कहे काम को पूरा करने के लिये भी चिन्ता का कारण बनाकर प्रदान करता है. ग्यारहवे राहु के समय केतु का स्थान पंचम मे होता है और इस केतु से प्राथमिक शिक्षा के मामले मे जातक को किसी प्रकार से कान्वेंट जैसी शिक्षा के क्षेत्र से गुजरना पडता है और रहने वाले स्थान के सामने के भाग मे या तो खिडकियों की संख्या अधिक होती है या चार पिलरो पर खडा बरामदा होता है,इसके साथ ही घर का निकास भी दोहरे रूप मे होता है और यह निकास अक्सर घर के पश्चिम दिशा से माना जाता है,जातक का कमाई का क्षेत्र हमेशा धन और शेयर आदि जैसे कामो मे ब्रोकर बनकर काम करने का या जमीन जायदाद आदि को बेचने खरीदने के काम मे फ़ायदा देता है जातक के लिये प्राथमिक जीवन मे अधिक खेल कूद मे रुचि लेने वाला भी यह राहु बनाता है और व्यापारिक रूप से यात्रा वाले कामो को करने से अपना जीवन यापन करने के लिये भी माना जाता है इन्सानी संचार के साधनो के बल पर जातक को अधिक फ़ायदा होता है यह राहु जातक के प्रति एक प्रकार की कंजूसी वाली भावना से खर्च करवाने वाला रोजाना की जिन्दगी मे अपनी किसी न किसी प्रकार की चिन्ता देने के लिये भी अपनी युति को देने वाला होता है.इस राहु के लिये सबसे अच्छा उपाय है कि काले सफ़ेद तिल एक मुट्ठी लेकर सूखे तालाब की तलहटी में खड्डा खोद कर दबाने से राहु कोई शरारत नही करता है और अक्समात जेल पुलिस छल तथा बाहर रहने पर होने वाली दुर्घटनाये दोस्तो के द्वारा दी जाने वाली आक्समिक चिन्ताओ से बचाव होता रहता है.

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  6. पंडित जी
    कन्या लग्न की कुंडली मे आठवे भाव मे राहू दशम मे सूर्य तथा बाहरवे भाव मे चंद्र शुक्र है .
    क्या इस कुंडली मे ग्रहण योग है ? क्यों की जातक के अंदर आत्मविश्वास नहीं है और और उसका किसी कम मे मन नहीं लगता है .सात आठ सालो से वो घर पर ही रहता है किसी से मिलता जुलता नहीं है . वुधिमान होते हुए भी उसका करियर बर्बाद होता जा रहा है .मुझे ऐसा लगता है की ऐसा ग्रहण योग के कारन ही हो रहा है .अब आप ही बता सकते है की क्या ये ग्रहण योग का प्रभाव है और अगर है तो इस दोष को कैसे दूर किया जाये .उसका कोई सरल उपाय बता दीजिए .

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  7. कन्या लगन मे आठवे भाव का राहु मेष राशि का है मिथुन का सूर्य है सिंह का चन्द्र शुक्र है,आठवे भाव का राहु दसवे भाव के सूर्य बारहवे भाव के चन्द्र शुक्र को देख रहा है आठवा भाव तकनीकी भी है और पाताली स्थान भी है राहु की रश्मिया गुप्त है जो किसी की समझ मे नही आती है ऐसा जातक अपने पराक्रम को अपनी बुद्धि को उन पराशक्तियों के रूप मे विकसित करना चाहता है जो साधारण व्यक्ति के वश की बात नही है वर्तमान मे यह राहु जन्म के राहु के साथ आमना सामना कर रहा है अगर इस समय मे इस जातक के प्रति कोई भी उपाय किया जाता है तो इस जातक को सम्भालने वाला केतु नष्ट हो जायेगा और जातक के लिये कोई भी हादसा या कोई भी बडी परेशानी पैदा हो सकती है,यह राहु तीन साल बाद इस जातक को प्रसिद्धि का कारण पैदा करेगा जो इसकी कार्य प्रणाली से लोगो को आश्चर्य और उन बातो मे विश्वास करने के लिये बाध्य कर देगा जो अक्सर चमत्कार के रूप मे मानी जाती है.

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    1. पंडित जी क्या आपका अभिप्राय ये है की जातक अपने आप ठीक होगा कोई उपाय नहीं करना चाहिए या उपाय करने के लिए ये समय ठीक नहीं है .अगर समय ठीक नहीं है .तो कौन सा समय ठीक रहेगा और क्या उपाय करना होगा .क्यों की जातक का समय बर्बाद होता जा रहा है और उसमे आत्मविश्वास भी नहीं है . और आपके कहे अनुसार तीन साल बाद राहू जातक को ऐसा क्या काम करवाएगा जिससे जातक प्रसिद हो सकता है .वो कार्य अच्छा होगा या बुरा ?

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    2. मेष राशि का राहु शरीर सम्बन्धी परिधि को आगे बढाने का काम करता है साथ ही पराक्रम बुद्धि साथ काम करने वाले लोग और धर्म न्याय मीमांशा आदि के प्रति अपना असर देता है पिछले समय मे इस राहु ने व्यक्तित्व को गुप्त जरूर किया है लेकिन धीरे धीरे समयानुसार यह अपनी परिधि को आगे बढाता जायेगा,इसमे तीन साल का समय बाकी है. एक बात और मै पंडित नही हूँ.

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    3. ठीक है पंडित जी .जातक को उसके हाल पे छोड़ देता हू. आप कह रहे है की आप पंडित नहीं है लेकिन मेरे अनुसार जिसके पास ज्योतिष जैसा पवित्र ज्ञान है और जो दूसरों को रास्ता दिखाए .वो ही पंडित है.

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  8. namaskar guruji, mera dhanu lagn ki kundli hai, rahu tisre bhav (khubh rashi) me hai, shani ki tisri dhiriti bhi rahu par hai, abhi rahu ki mahadsha chal rhi hai, iske baare me kuch bataye

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  9. pranam Guruji,

    Mere pratham bhav me singh rashi me Rahu, Shani aur Chandra hai, Saptam me Shukar aur Ketu hain, Ashtam me Surya, Mangal, budh hain aur barahve bhavme kark rashi me Vrihaspati hai.. Rahu se bada pareshan hu kya karu ??

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  10. Guru Dev Namaskar (BOD 25-9-1990 time 12:40 pm Place Dhar MP)
    mera Name Nakul Raghuvanshi he mera Dhanu lgana h aur vrushik rashi ka rahu 2 House me he .
    kuch Upya bataye .

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  11. गुरु जी राहु से शांति के उपाय क्या किये जा सकते है

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  12. कृपया जानकारी दें बहुत कृपा होगी

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  13. Pranam guru ji. Mera naam sweta hai mera jiwan me bhari musibat aa gayi hai . mera janam 25/11/1986 time 04:10am patna bihar. Plez

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  14. Pranam guru ji. Mera naam sweta hai mera jiwan me bhari musibat aa gayi hai . mera janam 25/11/1986 time 04:10am patna bihar. Plez

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  15. Namskar ..mai apne future career or love k bare m janna chahta hu..kripya meri help kijiye..meri govt job KB tk lagegi or mera love affair success hoga ya nhi hoga..pls btaiye..rajendra 20-7-91; 6:02 am.bageshwar(uttarakhand

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  16. धनु लग्न की खुंडली मे राहु लग्न मे बैठा हो तो कैसा फल देगा ??

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  17. धनु लग्न की खुंडली मे राहु लग्न मे बैठा हो तो कैसा फल देगा ??

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  18. Pandit ji Namaskar ,mene apke sare commment padhe hai kripya aap mere maesh lagn ke 11rahu ke bare main bataye meri rashi vrischick rashi hai .mera rahu kesa fal dega

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  19. Pandit ji Namaskar ,mene apke sare commment padhe hai kripya aap mere maesh lagn ke 11rahu ke bare main bataye meri rashi vrischick rashi hai .mera rahu kesa fal dega

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  20. Pandit ji Namaskar ,mene apke sare commment padhe hai kripya aap mere maesh lagn ke 11rahu ke bare main bataye meri rashi vrischick rashi hai .mera rahu kesa fal dega

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  21. 18/8/2017 ko rahu krak me aa rahahe kark rasi waloke liye kya fal dega or upay kya kre guruji

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