Monday, January 2, 2012

सिंह राशि

एक व्यक्ति अपनी सीमा मे रहकर अपने कामो को करता हो,अपने ही परिवार की मर्यादा के पालन मे लगा रहता हो,जिसे अपनी जीविका के लिये बहुत भाग दौड करनी पडती हो,जिसने अपने शरीर को अपने जीवन साथी के हवाले कर रखा हो,जब तक हिम्मत रहे तब तक जो अपने प्रयासों में लगा रहे,जब हिम्मत जबाब दे जाये तो अपने को एकान्त मे लेजाकर भूखे प्यासे मरने के लिये शरीर को छोड दे,जिसकी पाचन क्रिया कभी भी सही नही रही हो,जो अपना ही राज्य अपने को शक्तिशाली रहने तक कायम रखना चाहे,जिसके बच्चे अपनी ही शक्ति से आगे बढना जानते हो,जिसे अपने आसपास के माहौल में अपनी ही इज्जत को रखने का ख्याल हमेशा रहे,अपने परिवार अपने घर और अपने ही गांव शहर की राजनीति से जिसे गुस्सा भी आती हो और किसी अंजान की उपस्थिति के कारण उसे कष्ट होता हो यह सब बाते सिंह राशि के अन्दर मानी जाती है। सिंह राशि का व्यक्ति आज्ञा नही लेना जानता है वह केवल आज्ञा देना जानता है,उसे किसी प्रकार के सुख दुख की चिन्ता नही है उसे केवल अपने स्वाभिमान की चिन्ता है वह अपने स्वाभिमान के लिये भूखा भी रह सकता है,अकेले रहकर मरना पसन्द कर सकता है लेकिन हार कर मरना उसके वश की बात नही होती है,अपनो से पीडित होकर वह अकेली अपनी दुनिया को बसाना पसंद करता है लेकिन अपनो से पीडित होकर रहना पसन्द नही होता है। इस राशि वाले व्यक्ति अपनी मानसिकता को हमेशा खतरे से खेलने के लिये ही कायम रखना चाहते है।वे किसी बात से डरते नहीं है अपनी शक्ति के अनुसार ही अपने को जोखिम में डालने के लिए हमेशा तैयार रहते है जब तक सामने वाले किसी भी व्यक्ति की ताकत का अंदाज नहीं लगा लेते है तब तक उससे उलझाते नहीं है,अगर किसी प्रकार की मर्यादा की बात सामने आजाती है तो अपनी जान को जोखिम में डालकर अपने को उलझा लेते है.

साथ चलने वाले लोग अक्सर इनसे स्वार्थ की पूर्ती की भावना को रखते है जैसे ही उनका स्वार्थ पूरा हो जाता है वे साथ छोड़ देते है और यह भी देखा जाता है जब तक इस राशि वाले कमाने और इकट्ठा करने की हिम्मत रखते है कितने ही लोग इनके साथ हो जाते है और जैसे ही इनके पास पूंजी या साधनों की कमी हो जाती है वही लोग दूर हो जाते है और बुराई भी देने लगते है.महिलाय पुरुषो की तरफ और पुरुष महिलाओं की तरफ अधिक आकर्षित होते है जो कमजोर और डराने वाले स्वभाव के लोग होते है वह इनसे दूर ही रहने की कोशिश करते है.इनके लिए लाभ का कारण तभी देखा जाता है जब इनके अन्दर कर्जा करने दुश्मनी को निपटाने और सेवा करवाने वाले साधनों से आय होती रहे,यह अपने को हमेशा किसी न किसी प्रकार के कमन्यूकेशन के साधन से जोड़ कर रखते है और जैसे ही इनके पास कोइ आफत या कोइ बिना बतायी मुशीबत आती है यह अपने को अपने कमन्यूकेशन के द्वारा अपने साधनों को इकट्ठा कर लेते है और डट कर मुकाबला करते है.जोखिम लेकर काम करने की आदत होने के कारण यह अपने को समाज परिवार या रहने वाले स्थान में चमका कर रखते है,विपरीत सेक्स वाले लोग इनसे अपने फ़ायदा को उठाना जानते है.स्त्री से पुरुष अपने फायदे को ले सकता है और पुरुष स्त्री से अपने फ़ायदा को ले सकती है बाकी के लोग तो इनसे अपने स्वार्थ की पूर्ती को ही करना जानते है.अपने खून के लोगो के लिए इनका स्वभाव माफिक होता है जब भी कोइ मुशीबत अपने खून के लोगो पर देखते है तो उनकी सहायता के लिए आगे आजाते है और इसी प्रकार की सहायता के बाद जब उनके खून के लोगो की स्वार्थ की भावना पूरी हो जाती है तो वे अक्सर इस प्रकार के लोगो की बदनामी किसी न किसी कारण से करते देखे जाते है,इनके अंदरूनी  दुश्मन अधिक होते है,वे किसी न किसी प्रकार इस राशि वालो की जड़ को काटा करते है.मामा भांजा भतीजा भतीजी भांजी साले और देवर जेठ आदि इस राशि वालो की जड़ को हमेशा काटने के लिए या शक्ति को कम करने के लिए अपनी राजनीति को हमेशा चला करते है,इनके खुद के भाई कुछ समय तक लगाव तो रखते है लेकिन भाई के जीवन साथी हमेशा ही इस राशि वालो की काट किया करते है.उन्हें यह डर रहता की कही अधिक औकात होने के कारण इस राशि वाले लोग उन्हें कोइ सामाजिक आर्थिक या किसी अन्य किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचा दे.परिवार के लोगो की राजनीति के कारण ही इस राशि के लोग अपने परिवार से दूर रहना पसंद करते है वे अक्सर अपने परिवार को कभी कभी हमेशा के लिए भी छोड़ देते है और जब वे अपने परिवार से दूर चले जाते है तो पीछे की बातो को भूल भी नहीं पाते है इसलिए उनका परिवार से सामजस्य भी नहीं बैठ पाता है,माता पिता के रहने तक तो वे अपने परिवार से जुड़े रहते है और उसके बाद दूरिया बढ़ती ही जाती है,यह दूरिया कभी कभी इस राशि वाले जातको को अंधेरी दुनिया में खो जाने के लिए भी मानी जाती है.

इस राशि के जातक अपनी मजबूरी में अपने को किसी नशे का आदी बना लेते है,अगर उनकी घर परिवार में चलती नहीं है तो वे अपने को अकेला रखने के लिए अपने शरीर को दूर नहीं रख सकते है तो अपने को मन से दूर रखने के लिए किसी नशे का आदी बना लेते है.अक्सर इस राशि वाले जातक तुरत नशा देने वाले कारको को पसंद नहीं करते है उन्हें उन्ही नशों की जरूरत पड़ती है जो उन्हें लम्बे समय तक अपने शरीर से दूर रखे और उन्हें अपनी सुधबुध नहीं रहे,इस प्रकार के नशे अधिकतर गांजा भांग अफीम और इसी प्रकार की वस्तुओ से माने जाते है.धुंआ वाले नशे इनके प्रिय होते है और गांजा सुल्फा बीडी सिगरेट आदि इनके लिए अधिक पसंदीदा नशा मानी जाती है.इस बात के लिए एक बात और मानी जाती है की इस राशि के चौथे भाव में जो फेफड़ो का कारक है और सांस लेने का कारक है में वृश्चिक राशि का होना भी माना जा सकता है इसके लिए एक बात और भी मानी जाती है की इनके माता परिवार में अक्सर कोइ बड़ी दुर्घटना होने के बाद वहां पर शमशानी माहौल ही बना रहता है,किसी प्रकार की अजीब से शमशान जैसी शान्ति जिसे समझने के लिए इस राशि के चौथे भाव की वृश्चिक राशि को समझना जरूरी होता है,इस राशि वाले लोगो की माता का स्वभाव अक्सर खरा होता है और वह किसी भी सामाजिक पारिवारिक और घरेलू कारण को प्रकट करते समय चुभने वाली बात को ही करना जानती है,अक्सर उन्हें भी रहने के लिए या अपने परिवार की पालना के लिए उन्ही स्थानों में रहना पड़ता है जहां पर कुछ भे ऐसा हासिल नहीं हो जो जल्दी से प्राप्त किया जा सके,चाहे वह भोजन हो या अन्य सुख सुविधा की वस्तुए हो.माता का रूप अक्सर विधवा रूप में भी देखने को मिलता है या पिता की लम्बी दूरिया भी इस राशि वालो के लिए देखी जाती है.

इस राशि वालो के लिए बड़ी संतान इनका नाम चलाने के लिए मानी जाती है,छोटी संतान अपने दोहरे प्रभाव के कारण इनके मन से दूर रहती है और छोटी संतान का जीवन साथी अक्सर इस राशि वालो के लिए दुःख देने का कारण भी होता है और दूर रहने के लिए भी माना जा सकता है जबकि छोटी संतान के लिए ही इस राशि वाले सबसे अधिक प्रयत्न भी करते है और उसकी सुख सुविधा के लिए अपने साधनों को भी प्रदान करते है लेकिन फिर भी वह अपने मन से नहीं चलने के कारण इनसे मानसिक दूरिया बनाकर ही चलती है.बड़ी संतान माता के लिए और छोटी संतान पिता के लिए हमेशा ही विपरीत प्रभाव को देती हुयी मानी जाती है यह शास्त्रीय कथन भी है और जग की मान्यता तथा सामाजिक उदहारण भी माना जा सकता है.तीसरे नंबर की संतान परिवार और सामाजिक मर्यादा से आने को लेकर चलने वाली होती है और अक्सर न्याय विदेश धर्म बड़ी यात्रा तीसरी नंबर की संतान के कारण ही करना पड़ता है और इन्ही कारणों में उलझाने के लिए भी माना जा सकता है जीवन की गति को ठहराने वाले कारको में तीसरी संतान का रूप ही अधिक माना गया है.चौथे नंबर की संतान का रूप इनके लिए लाभकारी सिद्ध होता है और जब से चौथे नंबर की संतान पैदा होती है इनके परिवार में घर में और सामाजिक रूप से इनकी बढ़ोत्तरी शुरू हो जाती है,पांचवी संतान से इन्हें शरीर सुख की प्राप्ति का होना भी माना जाता है लेकिन सौ में से नब्बे कारणों में पांचवी संतान अधिकतर ज़िंदा नहीं रहती है,उसके रूप में इस राशि वालो के पास में कोइ अन्य व्यक्ति इनकी सेवा रहना पाया जाता है.दूसरे नंबर की संतान का जीवन साथी के मामले में अक्सर दुःख ही देखने को मिलता है या तो छोटी संतान का जीवन साथी मन मर्जी का अधिकारी होता है और अपने मन की करने के कारण समाज परिवार या घर में बहुत ही उद्दंड हो जाता है या वह अपने चालाकी से अपने परिवार को तोड़ने के लिए माना जा सकता है इस राशि वालो के जीवन साथी के लिए भी दूसरे नंबर की संतान का जीवन साथी दुःख देने और मर्यादा का हनन करने के कारण मन से नहीं रह पाता है.

इस राशि वालो का बड़ा भाई बहिन आदि दूर ही रहने के लिए माने जा सकते है छोटे भाई बहिन का पद उत्तम हो जाता है और उन्हें इनके भाग्य से कोइ न कोइ बढ़िया जीवन जीने का साधन मिल जाता है.इस राशि वाले अक्सर अपने छोटे भाई के साथ या बहिन के साथ कोइ साझा काम करने के लिए भी माने जाते है और इस साझे के काम में अक्सर उन्हें फ़ायदा होना ही देखा जाता है.लेकिन यह भी देखा जाता है की छोटे भाई बहिन की अधिक उपस्थिति से इन्हें धन और भाग्य की प्राप्ति तो होती है पर कुछ समय बाद वे भी अपने स्वार्थ को पूरा करने के बाद दूर होते देखे जाते है.इस राशि वालो के लिए भाग्य की कारक वस्तुओ में वही कारक अधिक उत्तम माने जाते है जो तीसरे भाव से सम्बन्ध रखते है जैसे कमन्यूकेशन के साधन पश्चिम दिशा हीरा जिरकान या नीलम आदि मुख्य है.छोटे भाई के जीवन साथी की सहायता से इन्हें जीव बल मिलता है और पत्नी के छोटे भाई बहिन इनके लिए भाग्य के कारक पूर्वजो के प्रति सामाजिक मर्यादा को लगातार जीवित रखने के लिए भी अपने बल को देने वाले माने जा सकते है.इनके लिए दुर्भाग्य देने वाले बड़े भाई बड़ी बहिन के परिवार समाज और जान पहिचान के लोग मुख्य रूप से देखे गए गए.सरकारी कार्यों में अधिक मन को लगाने से तथा राजनीति के कारण भी इनकेलिये दिक्कत देने वाले माने जा सकते है,इनके लिए जोखिम और अपमान की दिशा दक्षिण-पूर्व है तथा बड़े संस्थानों की हिस्सेदारी करना जेल संबंधी कारणों से लगाव रखना,किसी बने मंदिर चैरिटेबल संस्थान की स्थापना करना भी दिक्कत का कारण माना जा सकता है.इन्हें वायु प्रदान करने तथा अपच को पैदा करने वाले भोजन से बचना चाहिए,भोजन के बाद इन्हें तुरत आराम नहीं करना चाहिए. नारायण भज भैया,जय हो जगदीश की.

6 comments:

  1. इस को पढ्र कर ऐसा लगा मानों आप ने मेरे जीवन के बारे मे ही लिखा हैा सारी बातें मेरे जीवन में घटी हैा
    मनोज कुमार झा

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  2. बहुत अच्छा लगा कि आपको मेरी लेखनी पसंद आयी है आशा है आप मेरे लेख इसी प्रकार से पढते रहेंगे और मुझे सुझाव देते रहेंगे.आपका बहुत बहुत धन्यवाद.

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  3. गुरूजी प्रणाम,

    गुरुजी आने वाली पोस्ट में कृपया योगिनी दशा पद्धति, तथा विंशोत्तरी और योगिनी दोनों की ही विश्वशनीयता के विषय में, अनुभव के आधार पर कुछ बताइयेगा..

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  4. गुरुजी प्रणाम,

    आपके अगले लेख की प्रतीक्षा है....

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  5. गुरुजी प्रणाम,

    गुरुजी पिताजी का धनु लग्न है..मिथुन राशि..लग्नेश गुरु अष्टम में है..क्या हल्दी की गांठ भी पुखराज वाला कम करेगी..और अगर हां तो क्या मकर संक्रांति में पहना दें. या फिर शुक्ल पक्ष में गुरुवार को गुरु के नक्षत्र में ही ठीक रहेगा!

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  6. प्रणाम गुरूदेव,

    गुरुदेव आपका आशिर्वाद प्राप्त हो की मैं जीवन के में सफल बनू मनोज कुमार शर्मा गुर्जर गौड़ ब्राह्मण डीडवाना जन्म 29 जनवरी 1984 समय 4 बजे सुबह से 5 बजकर 30 मिनट जन्म स्थान डीडवाना राजस्थान जेस्ठा नक्षत्र 4 चरण मेरा जीवन कैसा रहेगा.....................

    प्रणाम गुरुदेव

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