Saturday, November 17, 2012

बुध


बुध को ज्योतिष मे संचार का ग्रह कहा गया है,यह सूर्य के आगे पीछे रहकर सांसारिक गतिविधियों को प्रकाशित करने का काम करता है,नये ग्रह के रूप मे होने के कारण इसके अन्दर बालपन की छवि भी देखी जाती है। नये ग्रह का तात्पर्य जो सूर्य के पास है वह नये ग्रह के रूप मे और जो ग्रह सूर्य से दूर है वह पुराने यानी बुजुर्ग ग्रह के रूप मे जाना जाता है। बुध पीढी बनाने का कारक भी है कानून को भी प्रसारित करने वाला है अपने को जमीन पर लाने के बाद हरी भरी प्रकृति को भी देने वाला है। मनुष्य जाति मे बुध का रूप कन्या के रूप मे भी देखा जाता है और बुजुर्ग बुध को हिजडे के रूप मे भी देखा जाता है। बुध गणित का कारक भी है और जो व्यक्ति बुध से प्रभावित होता है उसके लिये आकलन करना और जोडना घटाना आदि अच्छी तरह से ज्ञात होता है। बुध का स्वभाव अच्छे के साथ अच्छा है और बुरे के साथ बुरा। मेष राशि के लिये बुध प्रदर्शित करने की भावना को और कर्जा दुश्मनी बीमारी से जूझने के लिये अपनी गति देता है,बुध मेष राशि मे बलवान होने पर शौर्य और पराक्रम को प्रसारित करेगा और कमजोर होने पर कन्या सन्तान की अधिकता देगा और शुक्र को बरबाद करेगा। वृष राशि मे बुध कुटुम्ब के व्यक्ति के साथ आजीवन साथ देने के लिये बहिन बुआ बेटी के लिये अपनी मुद्रा को प्रसारित करता है साथ ही फ़ैसन पहिनावा आदि से धन प्रदान करवाता है चेहरे की सुन्दरता से मजबूत होने पर कोमलता देता है और कमजोर होने पर चेहरे पर झुर्रियां आदि देने के लिये माना जाता है। बुध वृष राशि मे बुद्धि का कारक भी है और यह अपने असर के कारण मजबूत होने पर कर्जा दुश्मनी बीमारी नौकरी शिक्षा आदि मे धन आदि के लिये अपनी तस्वीर अच्छी प्रसारित करता है वहीं कमजोर होने पर यह मन को एक प्रकार से विदीर्ण करने के बाद परिवार समाज घर सन्तान आदि के क्षेत्र मे कोई न कोई कमी खोजने की आदत देता है और अच्छे के साथ भी बुरा बर्ताव करने तथा बुरे के साथ भी अच्छा बर्ताव करने के लिये माना जाता है अक्सर इस राशि वाले लोगो के लिये बुध कमजोर होने पर घर की स्त्री संतान को बरबाद करने के लिये ही माना जाता है।

मिथुन राशि के लिये बुध शरीर जाति और कुल की समीक्षा के लिये देखा जाता है अगर मजबूत है तो लगनेश होने के कारण राजयोग भी दे सकता है कमन्यूकेशन और मीडिआ आदि के क्षेत्र मे अपनी मजबूती से नाम और प्रभाव भी रोशन करता है वही अगर कमजोर है तो वह चुगली करने और एक दूसरे को लडवाने तथा फ़ूट डालने के लिये भी जाना जाता है अक्सर कमजोर बुध के लोग ही कूटनीति की भाषा का प्रयोग करते है और शांति मे अशांति का प्रयोग करते है। इस राशि वाले लोगो के लिये चौथे भाव का मालिक होने से माता मन मकान घर की शांति और वातावरण के लिये वाहन आदि की जानकारी के लिये किये जाने वाले व्यापार और इसी प्रकार के कारणो के लिये भी जाना जाता है इस राशि वाले मजबूत बुध होने कर कर्जा देकर ब्याज कमाने घर को बनवा कर उससे किराया लेने नौकरी आदि के लिये कन्सलटेंसी जैसी सेवा बनाकर दलाली से नौकरी आदि दिलवाने के लिये भी अपना काम करता है। वहीं कमजोर होने पर घर मे कन्या संतान या बहिन बुआ बेटी के दखल से माहौल को दूषित करने के लिये भी जाना जाता है। मंगल के साथ चौथे भाव मे युति देने पर या तो बकरी पालन का धंधा करवा देता है या पक्षी जैसे मुर्गी फ़ार्म आदि बनवा कर रोजगार देने का कारक बन जाता है।चन्द्रमा के साथ मिलकर कृषि आदि के क्षेत्र से हरी सब्जियों का काम करवाना शुरु कर देता है राहु के साथ होने पर बैंकिंग आदि के क्षेत्र के प्रति कम्पयूटर सोफ़टवेयर आदि का काम करवाने के बाद बेव साइट का व्यवसाय करने के बाद धन की उपलब्धि करवाता है।

कर्क राशि के लिये बुध का स्थान बाहरी सम्बन्धो और गुजरे हुये इतिहास को बताने की शक्ति देता है बारहवे भाव का कारक होने के कारण स्वार्थी कारणो से भावुकता को भी देता है और छोटे मामा या मौसी के जीवन साथी के कारणो मे अपने समय और धन को बरबाद करने के लिये भी माना जाता है मीडिआ आदि के क्षेत्र मे जाकर जनता की गतिविधियो और धन आदि की समीक्षा करने के लिये तथा गोलमेज सभा मे अपनी उपस्थिति को दर्ज करवाने के लिये भी माना जाता है।आसमानी जानकारी ग्रहो के बारे मे स्पष्ट विवरण भी मजबूत बुध के कारण ही समझने को मिलता है लेकिन कर्क राशि के लिये तीसरे भाव का मालिक होने के कारण जातक की पहिचान उन्ही कारणो मे जानी जाती है जो कारण ब्याज किराया किस्त देने का काम नौकरी आदि के लिये भागने का लोगो के लिये या तो इन कारणो को सुलझाने का काम करने की बात मानी जाती है या खुद ही इन्ही कारणो मे घिरे रहने की बात मानी जाती है।

सिंह राशि में बुध का स्थान नकारात्मक रूप से धन आमने सामने की सहायता राज्य या राजकीय क्षेत्र से मिलने वाले लोन या सबसिडी वाली सहायता के लिये जाना जाता है वही कमजोर होने पर गाली गलौज देना और बात बात मे कर्जा दुश्मनी बीमारी को पैदा करना माना जाता है या तो ग्यारहवे भाव का मालिक होने से लाभ देने वाला होता है या लगातार हानि देने वाला होता है लाभदायी होने के लिये एक बात और भी मानी जाती है कि अगर जातक की बडी बहिन है और उससे लगातार सम्बन्ध स्थापित है तो लाभ वाली बात को देखा जाता है और या तो बडी बहिन नही है या सम्बन्ध नही है तो लाभ की जगह पर हानि की बात मानी जा सकती है। बुध की सहायता से इस राशि वाले राजयोग को भी प्राप्त कर सकते है और बदनामी के कारणो को भी झेलने के लिये बुध के प्रभाव को समझ सकते है। चोटी रोटी और बेटी तीनो को समझना है तो सिंह राशि वाले इसका जबाब सही दे सकते है।

कन्या राशि के लिये बुध अपनी योग्यता से सेवा वाले कामो मे नाम देने वाला बना देता है। बोलने की भाषा और व्यवहार से ही व्यक्ति की पहिचान को बना देता है और सेवा भावी होने से या तो बडे संस्थान देश समाज मे नाम देने वाला बन जाता है या राजयोग देकर जीवन को अपने समय मे उन्नति के लिये आगे कर देता है। माता के स्वभाव को या तो धार्मिक बना देता है या पैदा होने के बाद माता के अन्दर बदनामी पैदा करने वाले कारण पैदा कर देता है। यही बात पिता के लिये भी मानी जाती है।

तुला राशि के लिये बुध हमेशा ही किसी न किसी प्रकार से बदनामी देने के लिये अपनी गति को प्रदान करता है नवे भाव का मालिक होने के कारण या तो कानून के क्षेत्र मे नाम देता है या समाज मे बडी इज्जत को देने वाला बन जाता है बिगडने पर यह घर के बहिन बुआ बेटी पर गलत असर डालता है और या तो उनके पारिवारिक जीवन को बिगाड देता है या बहिन बुआ बेटी को आजीवन झेलने के लिये घर मे ही रख देता है। मन के अन्दर देवी भक्ति की तरफ़ ध्यान को देता है और इन्ही कारको मे जैसे धर्म स्थानो मे देवी स्थानो की यात्रा करना लोगो के लिये कर्जा दुश्मनी बीमारी को दूर करने के लिये व्यवसाय आदि मे धन आदि की उधारी को प्राप्त करने के लिये देने के लिये भी माना जाता है तुला राशि के लिये बुध हमेशा धन की सहायता से दो बाते पैदा करता है एक तो जिसे धन अपने हाथ से सहायता के लिये दे दिया जाये तो वह धन भी वापस नही आता है और जिसे धन दिया जाता है वह व्यक्ति या तो दुश्मनी पैदा कर लेता है या किसी न किसी प्रकार से बदनामी वाले कारण पैदा कर देता है।

वृश्चिक राशि के लिये बुध मजबूत होने पर वरदान साबित होता है और कमजोर होने पर अघोरी बना देता है।इसका कारण भी यह माना जाता है कि बुध वृश्चिक राशि के लिये अष्टम का प्रभाव देता है जो अघोरी होने पर शमशानी कारणो को सामने लेकर आता है और जो भी बात इस राशि वाले जातक के द्वारा की जाती है वह केवल बिच्छू जैसे डंक मारने की नियत से की जाती है इन्ही कारणो से वृश्चिक राशि का जातक या तो बोली पहिचान मे खरा कहा जाता है या बोली के कारण ही उसे पहिचाना जाता है यही कारण उसके लिये आजीवन लाभ के लिये भी माने जाते है।

धनु राशि के लिये बुध एक तो राज योग देने वाला होता है दूसरे वह सप्तम का मालिक होने से अगर वह स्त्री जातक है तो पति के रूप मे उसे भोला भाला मासूम पति ही प्राप्त होता है बुध का प्रभाव कभी अन्य ग्रहो के साथ होने पर अपना नही होता है वह वही फ़ल प्रदान करता है जिन ग्रहो के साथ साथ वह अपने गोचर से या जन्म के समय से होता है। बुध अगर शुक्र के साथ स्त्री जातक की कुंडली मे छठे भाव मे है तो वह जीवन साथी को किसी न किसी कारण से अन्य स्त्री सम्बन्धो से जोड कर रखता है और एक प्रकार से इस राशि वाले जातक के लिये अपने जीवन साथी के प्रति ही दिक्कत का कारण माना जाता है अगर शुक्र वकी है तो धनु राशि वाले जातक के लिये बुध का प्रभाव बहुत ही उल्टा हो जाता है वह वक्री शुक्र की सिफ़्त के अनुसार अपने जीवन को लेकर चलने वाला होता है और कभी तो वह पति पत्नी के सम्बन्धो मे चलना शुरु हो जाता है और कभी वह अपने को स्वतंत्र मानकर दूर के रिस्तो की तरफ़ अपना प्रभाव देने लगता है अक्सर इस कारण मे पति पत्नी का विवाद बढ जाता है और वह कोर्ट केश या इसी प्रकार के कारणो से स्त्री जातक है तो पति से मासिक आमदनी के अलावा और कुछ हासिल नही कर पाता है और वह पुरुष है तो वह आजीवन अपने जीवन की गृहस्थी अविश्वास के साथ जीने को मजबूर हो जाता है। धनु राशि के लिये बुध अक्सर पति पत्नी के सम्बन्धो मे नीरसता को इसलिये भी दे देता है क्योंकि बुध का प्रभाव यौन सम्बन्धो मे बेरुखी को भी देने वाला होता है।

मकर राशि वालो के लिये बुध का प्रभाव सेवा जैसे कामो के लिये और कोर्ट केश आदि के कारणो मे वह आगे बढाने वाला होता है साथ ही बैंक बीमा बचत और नौकरी आदि के कामो के लिये वह अपनी स्थिति को इस राशि वालो के लिये फ़ायदा देने वाला होता है काम के समय मे अपनी पहिचान बनाना और गैत विद्या मे अपने को आगे लेकर चलना भी एक कारण माना जाता है अक्सर यह बुध जातक के जीवन साथी मे एक प्रकार की बोली बातचीत आदि से परेशान करने वाला भी माना जाता है और वह जीवन साथी को अक्सर ढोकर चलने वाली पोजीसन जैसे मानकर चलने वाला होता है। नवे भाव का स्वामी होने से जातक को नौकरी धन आदि के लिये या तो अपने पिता के स्थान को देखना होता है या अपने मित्रो बडे भाई के लाभ के साधनो से कमाने का कारण बनता है यही बात उसके लिये अपनी मानसिक स्थिति को समझने के लिये भी मानी जाती है वह अपने मानसिक कारणो मे उन्ही बातो को अधिक लेकर चलने वाला होता है जहां बातो का प्रभाव होता है जैसे किसी ने उसके प्रति क्या कहा है और वह कही जाने वाली बात कितनी उसके जीवन मे प्रभाव देने वाली है वह छोटी छोटी बातो को भी कभी कभी इतना तूल दे देता है कि जीवन एक प्रकार से अपनी पहिचान बनापाने के लिये उसे श्रम और अभाव से भी जूझना पडता है।

कुम्भ राशि वाले जातक अपनी बुद्धि को तभी विकसित कर पाते है जब वह बोलने चालने की कला मे अपने प्रभाव को प्रदर्शित करने वाले होते है अक्सर बुध का प्रभाव उनकी प्राथमिक शिक्षा पर पडना अधिक देखा जाता है अगर उनकी स्थिति घर मे छोटे भाई बहिन के रूप मे है तो वह अपने जीवन को अपनी बडी बहिन के पास बिताने के लिये या अपनी प्राथमिक शिक्षा को बहिन बुआ के अनुसार ही प्राप्त करने के लिये माना जाता है। अकर कर्जा दुश्मनी बीमारी के समय मे कुम्भ राशि वाले जातक अपने लिये कोई न कोई बुध का कारण ही बना लेते है। उनकी पहिचान भी एक प्रकार से उनकी बहिन बुआ बेटी के द्वारा ही मानी जाती है। अगर बुध मजबूत है तो उनकी संतान जो स्त्री सन्तान के रूप मे होती है वह घर की मर्यादा और जीवन के अन्दर तरक्की के क्षेत्र विकसित करने मे कामयाब हो जाती है और बुध कमजोर है तो वह गलत रास्ते मे जाकर सामाजिक मर्यादा और गुप्त सम्बन्धो के कारण अपनी पहिचान को बिगाडने के लिये भी उत्तरदायी बन जाता है। इसी प्रकार से अगर इस राशि वाले सेवा या नौकरी के क्षेत्र मे है तो उनके सम्बन्ध किसी न किसी प्रकार से उन लोगो से बन जाते है जो उनके लिये बीमारी या कर्जा या किसी प्रकार की दुश्मनी मे उनकी सहायता करते है या गाढे वक्त पर उनकी आर्थिक या सेवा वाली सहायता मे होते है।

मीन राशि वाले जातक के लिये बुध एक प्रकार से वरदान दायक तब बन जाता है जब वे अपनी बोली और व्यवहार से रहने वाले क्षेत्र अपने घर और यात्रा आदि मे सम्भालने वाले काम के अन्दर केवल अपनी बोली का प्रयोग करते है और आदेश आदि के द्वारा काम करवाने की कला को प्रदर्शित करते है। अक्सर इस राशि वाले जातक तभी सफ़ल होते है जब उनके जीवन साथी का स्वभाव सेवाभावी होता है और उनके सामने आने वाले कर्जा दुश्मनी बीमारी और नौकरी आदि के क्षेत्र मे आने वाली समस्याओ को सुलझाने की कला जानने वाला जीवन साथी हो।  बुध की कमजोरी मे मीन राशि के जातक अक्सर अपने जीवन साथी के व्यवहार से दुखी होते है घर मकान माता और घर के सदस्यों की छींटाकसी से भी परेशान होते देखे गये है।

7 comments:

  1. दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
    बहुत सुन्दर विवेचन.......
    धन्यवाद.........

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद प्रतीक आपको भी दीपवली की हार्दिक शुभकामनाये.

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  2. गुरुदेव .........
    सादर चरण स्पर्श .......
    गुरुदेव पिछले कुछ समय से काफी परेशान चल रहा हूँ. कुछ मार्गदर्शन कीजिये.....

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  3. pranam guruji meri bhi kundli kathan kare aap ka runi rahuga
    D0B 05-DEC-1990
    DOT 01-49PM
    DOP NAGPUR MAHRASHTRA INDIA

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    1. अमेया जी आपकी कुंडली के अनुसार आपका कार्य क्षेत्र कानूनी रूप मे काम करने का मिलता है साथ ही आपके लिये जमीन जायदाद पैतृक सम्पत्ति आदि के लिये विशेष ताकत मिलती है आपकी याददास्त बहुत तेज है और जो साधारण लोग एक साल मे सीख पाते है वह आप कुछ समय मे ही सीख जाते है,धन सम्बन्धित कारणो का निस्तारण और ब्रोकर जैसे काम भी आप आसानी से कर सकते है,धन कैसे कमाया जाये और कैसे धन को बचाने के काम किये जाये तथा चल अचल सम्पत्ति के द्वारा गिरवी रखकर या बैंक बीमा आदि के काम करने के बाद ही आपको सफ़लता मिल सकती है.

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  4. me engineer computer BE final year ko hu, muze konsa stone yogya hoga,aur married life, job krupa kar k batayie

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  5. parnam guru ji.
    meri d.o.b-21.07.1994 , 04.30am , Ludhiana ,Punjab ki hai aur maine panna dharn kiya hua hai.
    main iske sath kon sa ratan dharn krr skta hu. jo ki mere jivan ko tarakki ki taraf le jaye.
    mera lagan mithun aur rashi dhanu hai.
    kripya smadhan krre.

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