मनुष्य का जन्म हो जाता है शिक्षा होजाती धन कमाने के रास्ते मिल जाते है लेकिन विवाह के बारे मे जीवन अनिश्चितता की तरफ़ ही रहता है। अगर कहा जाये कि धनी बनकर शादी जल्दी हो जाती है या सम्बन्ध अच्छा मिल जाता है तो गलत ही माना जा सकता है,खूब पढ लिख कर अगर सम्बन्ध अच्छा बन जाये पत्नी मन या पति मनचाहा मिल जाये तो भी गलत बात ही मानी जाती है,शादी सम्बन्ध हमेशा संस्कारों से पूर्व के कृत पाप पुन्य से और समाज आदि के द्वारा समर्थन से ही सही मिलते है। प्रस्तुत कुंडली वृश्चिक लगन की है.मंगल इस कुण्डली मे लगनेश है और सप्तमेश शुक्र बुध के साथ तीसरे भाव मे विद्यमान है,शुक्र को कुंडली के अष्टम मे बैठा राहु मारक द्रिष्टि से देख रहा है। राहु ने चन्द्रमा को भी ग्रहण दिया हुया है और अपनी नवी द्रिष्टि से सूर्य को भी ग्रहण दिया है। सूर्य चन्द्र को ग्रहण देने के बाद राहु से वक्री गुरु का सम्बन्ध भी बन गया है। वक्री गुरु ने भी सूर्य को असर दिया है। गुरु मार्गी होना ही सम्बन्ध का उत्तम रूप से फ़लदायी माना जाता है,गुरु के मार्गी होते ही जातक के अन्दर स्वार्थी भावना आजाती है वह सम्बन्ध को नफ़ा नुकसान के रूप मे सोचने लगता है,कारण वक्री गुरु का प्रभाव जीवन मे नर संतान नही देने अथवा देने के बाद भी नर संतान का सुख नही देने के लिये माना जाता है। शनि और मंगल के बारे मे भी अगर देखा जाये तो शनि भी कन्या राशि का होकर वक्री है और मंगल भी कन्या राशि मे वक्री हो गया है मंगल पौरुष का कारक है और शनि मेहनत करने वाले कामो का कारक है जातक के अन्दर जब पौरुष ही नही होगा तो वह मेहनत वाले कामो को नही कर पायेगा। इस प्रकार से जातक के अन्दर मेहनत वाले कामो को नही करने से दिमागी बुद्धि का विकास अधिक हो जायेगा और वह अपने को हर सीमा मे बुद्धिमान समझने की कोशिश करेगा जिस समाज या परिवार से वह शादी विवाह की बात को चलाने की कोशिश करेगा उसी समाज या परिवार से अति आधुनिकता मे होने के कारण या विदेशी परिवेश मे रहने या नियमो को अपनानेके कारण भी समाज या परिवार शादी विवाह के लिये हिचकिचायेगा।
शुक्र के बारे मे भी कहा जाता है कि जब यह बुध के साथ मकर राशि का तीसरे भाव मे होता है तो जातक के पास शादी विवाह के प्रपोजल खूब आते है लगता भी है कि शादी हो जायेगी लेकिन बात किसी न किसी बात से टूट जाती है अक्सर सोच यह भी होती है कि पत्नी काम करने वाली हो और वह घर संभालने के साथ साथ कमाई भी करे। केतु जिन साधनो से परिवार को आगे बढाने की कोशिश करता है राहु उन्ही साधनो की पूर्ति से परिवार को छोटा करता चला जाता है। जातक के रिस्ते की दो बाते चलेंगी लेकिन एक बात इस साल मे अगर बैठ भी जाती है तो वह किसी न किसी बात से टूट भी सकती है इस कारण को दूर करने के लिये अपने को अपनी मर्यादा समाज और परिवार के बारे मे खुल कर बात करनी चाहिये,विदेशी नीति रीति या अधिक आधुनिकता है तो उसे त्यागने मे ही भलाई है.राहु के द्वारा सूर्य और चन्द्र को ग्रहण देने की नीति से दूर रहने के लिये जातक को अपने पूर्वजो के प्रति श्रद्धा रखकर महिने या साल मे उनके नाम से किसी न किसी धर्म स्थान पर उनकी मान्यता का ध्यान भी रखकर अपने जीवन के क्षेत्र को आगे बढाने का प्रयास करते रहना चाहिये.
शुक्र के बारे मे भी कहा जाता है कि जब यह बुध के साथ मकर राशि का तीसरे भाव मे होता है तो जातक के पास शादी विवाह के प्रपोजल खूब आते है लगता भी है कि शादी हो जायेगी लेकिन बात किसी न किसी बात से टूट जाती है अक्सर सोच यह भी होती है कि पत्नी काम करने वाली हो और वह घर संभालने के साथ साथ कमाई भी करे। केतु जिन साधनो से परिवार को आगे बढाने की कोशिश करता है राहु उन्ही साधनो की पूर्ति से परिवार को छोटा करता चला जाता है। जातक के रिस्ते की दो बाते चलेंगी लेकिन एक बात इस साल मे अगर बैठ भी जाती है तो वह किसी न किसी बात से टूट भी सकती है इस कारण को दूर करने के लिये अपने को अपनी मर्यादा समाज और परिवार के बारे मे खुल कर बात करनी चाहिये,विदेशी नीति रीति या अधिक आधुनिकता है तो उसे त्यागने मे ही भलाई है.राहु के द्वारा सूर्य और चन्द्र को ग्रहण देने की नीति से दूर रहने के लिये जातक को अपने पूर्वजो के प्रति श्रद्धा रखकर महिने या साल मे उनके नाम से किसी न किसी धर्म स्थान पर उनकी मान्यता का ध्यान भी रखकर अपने जीवन के क्षेत्र को आगे बढाने का प्रयास करते रहना चाहिये.
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ReplyDeleteराहु ही नही कोई भी ग्रह अपने से अष्टम स्थान को मारक द्रिष्टि से देखता है.
ReplyDeleteRAHU 8 SE 8 BHAV ME HAI ....
ReplyDeleteलोगो के कनफ़्यूजन को केतु की सहायता से दूर करने का फ़ल देगा और खुद के लिये हमेशा वह कार्य जो नाम और यश तो देगा लेकिन भौतिक सम्पत्ति के साथ खिलवाड करेगा का असर देने के लिये भी माना जा सकता है.
DeleteNamaste pandit ji
ReplyDeletemujhe ye jan na hai ki mera carrier kaisa rahega.mai abhi engineering kar raha hu jabalpur se.
please madad kare mere paas kundali nahi par details ye hai-
name=hemant
place of birth= Chandrapur,maharashtra
time of birth=12:25 dophar
namaskar pandit ji,
ReplyDeleteMera naam rani hai, main ambala , haryana se hoon,
date of birth 30-09-1981
time : 00:40 a.m. (29/30 september 1981 )
Place : Bharatpur, Rajasthan
hai aur abhi tak shadi k yog nahi bane...kab tak mere vivah k yog banege. kriya apni daya kijiye ..\
Rani Payaal
ambala
haryana
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ReplyDeleteNamste pandit g...
ReplyDeletePandit ji, mein bahut hi dubhida mein hun kripiya marag darshan kre..
Mujhe shadi/vivah k mamle me bahut c problem chal rhi hain..
ek nazar meri kundli pe bhi kre plss....
Name - Jagtar Singh
D.O.B - 02 Nov. 1987
Time - 01:05 AM
Palace - Jagraon, Ludhiana, Punjab
...Thanx....