Tuesday, November 8, 2011

कब आयेगी मौत !

कुंडली का आठवां भाव मौत का भाव कहलाता है.बहुत सी गणानाओ का प्रयोग ज्योतिष से उम्र की लम्बाई के लिये किया जाता है लेकिन कुछ गणनाये बहुत ही सटीक मानी जाती है,उन गणनाओ के बारे मे आपको बताने की कोशिश कर रहा हूँ,आशा है आप इस प्रकार की गणना से और भी कुण्डलियों की गणना करेंगे और मुझे लिखेंगे.यह कुंडली एक स्वर्गीय सज्जन की है,अधिक शिक्षित होने के कारण तथा अपने ऊपर बहुत भरोसा होने के कारण धर्म कर्म पूजा पाठ परिवार समाज भाई बन्धु से सभी से एलर्जी थी,उनका कहना था कि जो वे करते है वही होता है ईश्वर तो केवल लोगों को बहलाने का तरीका है,उनकी बातों को सुनकर उस समय तो बहुत बुरा लगा था लेकिन प्रकृति की मीमांसा को समझने के बाद खुद पर सयंम रखना जरूरी समझ कर कुछ नही कहा,उन्हे केवल एक बात जरूर समझा दी थी कि मृत्यु दुनिया का सबसे बडा सत्य है जिसे लोग झुठला सकते है,केवल ज्योतिष को अंजवाने के लिये उन्हे तीन बातें मैने बतायी थी जो उनके दिमाग के अन्दर घर कर गयीं और वे जीवन के अंत मे ईश्वर के प्रति नरम रुख का प्रयोग करने लग गये थे.

मैने पहले बताया कि आठवे भाव से आयु का विचार किया जाता है,जीवन मे जो योग शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले होते है उन्हे अरिष्ट योग के नाम से जाना जाता है.जो मुख्य अरिष्ट योग बनते है उनके अन्दर एक तो जब चन्द्रमा कमजोर होकर पाप ग्रह (सूर्य मंगल शनि राहु केतु) या छठे आठवे बारहवें भाव के स्वामी के साथ या तो उनसे द्रष्ट हो अथवा आठवें स्थान मे चला गया हो तब पैदा होता है या चारो केन्द्र स्थानो १,४,७,१०, चन्द्र मंगल सूर्य शनि बैठे हों,या लगन मे चन्द्रमा बारहवे शनि नवे सूर्य आठवें मंगल हो या चन्द्रमा पाप ग्रह से युत होकर १,४,६,८,१२ भाव मे हो.इसके साथ ही इस प्रकार के अरिष्ट योग की समाप्ति भी ग्रहों के द्वारा देखनी जरूरी होती है कि राहु शनि मंगल अगर ३,६,११ मे विराजमान हो तो अरिष्ट भंग योग कहलाता है गुरु और शुक्र अगर केन्द्र यानी १,४,७,१० मे विराजमान हो तो भी अरिष्ट भंग योग बन जाता है.

आयु की लम्बाई नापने का सबसे उत्तम तरीका इस प्रकार से है:-
  • सबसे पहले केन्द्र की राशियों की गणना करना,उन्हे जोडना.
  • त्रिकोण की राशियों का जोड.
  • केन्द्र मे और त्रिकोण मे स्थित ग्रहों के अंको का जोड,ग्रहों के अंको को सीधे सीधे दिनो के नाम के अनुसार जोड लेते है जैसे सूर्य का १ चन्द्रमा का २ मंगल का ३ बुध का ४ गुरु का ५ शुक्र का ६ शनि का ७ राहु का ८ केतु का ९.
  • इन सबका योगफ़ल करने के बाद १२ से गुणा किया जाता है और १० से भाग देने के बाद कुल संख्या से १२ घटा दिया जाता है,यह आयु प्रमाण माना जाता है.
  • लेकिन आयु प्रमाण को एक ही रीति से सटीक नही माना जाता है इसे तीन बार सटीकता के लिये देखा जाता है.
उदाहरण के लिये आप उपरोक्त कुंडली को समझने की कोशिश करे.
  1. केन्द्र मे कन्या धनु मीन और मिथुन राशिया है,उनकी संख्या ६+९+१२+३=३० होती है.त्रिकोण की राशिया पंचम और नवम भाव मे मकर और वृष है उनकी संख्या को भी मिलाया जाता है १०+२=१२,३०+१२=४२ संख्या राशियों का जोड कहलाया.इसके बाद ग्रहो का जोड करना है,लगन मे चन्द्रमा चौथे मे शनि नवे मे सूर्य दसवे मे शुक्र बुध है.इनकी संख्या २+७+१+६+४=२० होती है.राशियों की संख्या और ग्रहों की संख्या को जोडा तो ४२+२०=६२ योगफ़ल आया.इस संख्या मे १२ का गुणा किया तो ७४४ योग आया,इस योग मे १० का भाग दिया तो योगफ़ल ७४.४ आया इसमे से १२ को घटाया तो कुल आयु ६२.४ साल की आयी.
  2. दूसरा प्रकार कुंडली के अन्दर जिन राशियों मे ग्रह विद्यमान है उन राशियों के ध्रुवांक जोडकर देखने पर भी आयु का प्रमाण मिलता है,राशियों के ध्रुवांक मेष का १० वृष का ६ मिथुन का २० कर्क का ५ सिंह का ८ कन्या का २ तुला का २० वृश्चिक का ६ धनु का १० मकर का १४ कुम्भ का ३ और मीन का १० होता है.उपरोक्त कुंडली में जिन राशियों ग्रह विद्यमान है वे इस प्रकार से है-मेष वृष मिथुन सिंह कन्या धनु और कुम्भ.राशियों के ध्रुवांक १०+६+२०+८+१०+३=५७ साल.
  3. तीसरा प्रकार इस प्रकार से है कुंडली के केन्द्र की राशियों का जोड करने के बाद जिस राशि मे मंगल और राहु विद्यमान है उन राशियों की संख्या का योग केन्द्र की राशियों के योग से घटाने पर तथा उसमे तीन का गुणा करने पर जो आयु बनती है उसे देखना जरूरी होता है,जैसे उपरोक्त कुंडली मे केन्द्र का ३० है मंगल और राहु जिस राशि मे विराजमान है वह कुम्भ है जिसकी संख्या ११ है,३०-११=१९ की संख्या को तीन से गुणा करने पर जोड ५७ साल का आया.
उपरोक्त कुंडली जिस जातक की है वह उम्र की ५७ साल मे बीमार हुया और लगातार बीमारी से जूझने के बाद ६२ साल और ३ महिने का का समय पूरा होते ही चल बसा.

2 comments:

  1. पंडितजी, प्रणाम !!!,

    आपके उपरोक्त आयु गंणना के आधार पर मेरी आयु - पहले ( जोड़ में 12 का गुणा , 10 का भाग और 12 घटाने पर) 83 वर्ष आ रही हा. नीचे के जो तीन तरीके बताये है, उस विधि से क्रमश 67, 24 और 66 आयु आ रही है.

    मेरी अभी उमारा 52 वर्ष है ! तो क्या मै अपनी उम्र 66 मन सकता हूँ ?? कृपया सलाह दे.
    प्रणाम / धन्यवाद

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