Wednesday, October 26, 2011

राहु केतु की वास्तविकता भाग 2

राहु केतु का आस्तित्व शरीर मे ही नही हर वस्तु जीव वनस्पति कारण कारक सभी मे उपस्थित है किसी को भी राहु केतु से अलग नही देखा जा सकता है। यह मेरी मान्यता भी और अगर आप किसी भी कारण से देखने की सोचने की जरूरत को समझे तो सोच भी सकते है समझ भी सकते है,जब भी आप गहरे विचार से सोचने की कोशिश करेंगे तो आपको समझ मे आजायेगा कि भदौरिया जी ने कितनी सटीक बात कही है। उदाहरण के लिये व्यक्ति के खून के अन्दर राहु केतु का रूप समझने की कोशिश करे,एक व्यक्ति के खून पर राहु का असर मंगल के साथ है और केतु का स्थान पराक्रम की राशि से सम्बन्धित है तो समझने की कोशिश करे,उस व्यक्ति के अन्दर किस प्रकार का नशा होगा,यह जाति से सम्बन्धित नशा होगा। मंगल के साथ राहु का खून के अन्दर उच्च जाति का होने का नशा देता है साथ मे केतु हिम्मत के साधन पैदा कर देता है,जैसे राजपूत के अन्दर मंगल राहु का एक साथ होना तथा केतु का हिम्मत के कारकों से जुडा होना एक राजपूती आन बान शान का प्रतीक माना जा सकता है,राहु के प्रभाव से वह अपने को हमेशा उद्वेग मे रखेगा और जो भी नीची या हल्की बात होगी या किसी प्रकार की हिम्मत वाली चुनौती को दिया जायेगा तो वह अक्समात अपनी केतु के द्वारा साधन देने वाली नीति से तलवार पिस्तौल बन्दूक का इस्तेमाल करने की कोशिश करेगा। इसी प्रकार से अगर राहु का असर गुरु या गुरु की राशि पर है और केतु धर्म आदि के कारक ग्रह के साथ है या धर्म से सम्बन्धित राशियों से अपना सम्बन्ध बनाता है तो जातक के अन्दर ज्ञान के प्रति मीमांसा करने का धर्म के प्रति जीवन भर रुचि रहेगी उन रुचियों के अन्दर वह हमेशा जिन साधनो का प्रयोग करेगा वे धर्म से ही सम्बन्धित होंगे,जैसे माला पूजा का सामान पूजा पाठ की किताबे पूजा पाठ के लिये साधन जैसे मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च आदि। वही राहु जब बुध पर अपना असर डालेगा और केतु का व्यापार के साधनो की राशि या व्यापारिक राशियों से अपना सम्बन्ध स्थापित होगा तो जातक के अन्दर व्यापार करने की और व्यापारिक साधनो का प्रयोग करने का एक जोश पैदा होता रहेगा,जो भी जातक व्यापार के कारको का प्रयोग करेगा वह राहु और केतु के बलावल के अनुसार ही होगा और व्यक्ति को बनिया की उपाधि दी जायेगी जो आज के जमाने मे व्यवसाय के रूप मे समझा जायेगा। इसी प्रकार से अगर राहु शनि के ऊपर प्रभाव डाल रहा है और शनि का सेवा वाली राशि से सेवा करने वाले ग्रह से सम्बन्ध है तथा केतु का रूप साधन देने से है तो जातक के अन्दर एक जोश सेवा करने से होगा और उस सेवा के अन्दर वह उन्ही कारणो का प्रयोग करना शुरु कर देगा जो राहु शनि को अपने द्वारा प्रयोग मे लाने की कला को प्रदर्शित करेंगे,जैसे एक नाई का रूप अगर शनि मंगल की युति से देखा जाये तो वह हजामत के लिये प्रयोग मे लाने वाले शनि मंगल के रूप मे लोहे के हथियार उस्तरा आदि तथा राहु मंगल के रूप मे एन्टीबायटिक दवाइया जो हजामत के बाद प्रयोग मे ली जाती है राहु शनि के रूप मे साफ़ सफ़ाई वाले लोशन आदि का प्रयोग भी माना जायेगा,इसी प्रकार से अगर राहु शनि का योगात्मक रूप शनि मंगल की डाक्टरी वाली राशियॊम में हो अथवा कुंडली मे वह डाक्टरी राशियों मे अपना प्रभाव डाल रहा हो तो जातक उन्ही कारकों का प्रयोग अपने द्वारा करेगा जो डाक्टरी के प्रति अपनी आस्था को रखने वाले है,जैसे केतु अगर चेहरे वाली राशियों मे मंगल के साथ अपनी युति को ले रहा है और शनि का प्रभाव है तो जातक दांतो का डाक्टर होगा वही अगर चन्द्रमा की राशि या चन्द्रमा से अपनी युति को लेकर चल रहा होगा तो पानी वाले रोगो या ह्रदय सम्बन्धी बीमारी को सम्भालने वाला होगा।

इसी कारण को अगर वस्तुओ मे प्रयोग किया जाये तो राहु केतु का प्रभाव हर वस्तु में भी मिलता है। जैसे हम मोबाइल फ़ोन को ही ले लेते है,मेष का केतु लम्बे मोबाइल को प्रयोग करेगा और राहु तुला मे जाने के कारण उसे केवल पत्नी से या पति से सम्बन्ध रखने के लिये भी प्रयोग करेगा और व्यापार के लिये तथा साझेदार से भी बात करने का कारण पैदा करेगा,वही राहु जो धन के रूप मे मोबाइल को चार्ज करेगा वह व्यापार के साधनो से या पति पत्नी के द्वारा ही रीचार्ज करवाया जायेगा,उसके अन्दर जो बैटरी होगी वह केतु के रूप मे होगी,उसके अन्दर जो प्रोग्राम होंगे वह राहु के रूप मे होंगे उसके अन्दर जो बटन होंगे वह केतु और बटन के द्वारा जो नम्बर आपरेट किये जायेंगे वह बुध के रूप मे तथा जहां पर नम्बर मिलाया जायेगा वह शंका को निवारण के लिये तथा जो प्रयोग करने के समय मे खर्चा होगा वह राहु के रूप मे माना जायेगा इसी प्रकार से जो प्रोग्राम राहु के रूप मे प्रयोग किये जा रहे है वे अगर शुक्र के साथ प्रयोग मे आ रहे है तो सुन्दर कलाकारी के रूप मे जैसे फ़ोटो भेजना या वीडियो काल करना माना जायेगा उसी राहु का सीधा सम्बन्ध धनु राशि से होने के कारण उसे संसार से भी जोड कर रखा जायेगा और इन्टरनेट आदि का प्रयोग किया जायेगा। राहु का सम्बन्ध मित्र राशि से होने के कारण और लाभ के लिये होने से व्यक्ति उसे प्रयोग करने के लिये मित्रों का प्रयोग करेगा और जो भी बात करेगा वह लाभ के लिये ही की जायेगी,इसके अलावा राहु का सम्बन्ध तीसरे भाव से होने के कारण जो भी बात की जायेगी वह असीमित भी हो सकती है ठंडे के सामने गर्म और गर्म के साथ ठंडे रूप मे भी हो सकती है। बिना राहु केतु के मोबाइल को भी प्रयोग मे नही लाया जा सकता है,इसे भी आप अच्छी तरह से समझ गये होंगे।

6 comments:

  1. barwa sthan moksh ka sthan hai / to barwe sthan me tula rashi tula navmansh ka surys , ketu , budh ke sath ho to kya matlab nikalna chahiye ?

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  2. बारहवे भाव का कारक मोक्ष और संतुष्टि दोनो का ही माना जाता है,सूर्य पिता का नाम देता है आंखो की कमजोरी भी देता है,पिता की प्रसिद्धि अच्छी रही होती है,लेकिन नवांस मे होने के कारण जीवन साथी के पिता का बाहरी लोगो से अधिक सम्पर्क रहा होता है और जीवन साथी के परिवार मे आधुनिकता पर अधिक खर्च किया जाता रहा होगा आदि बाते समझनी चाहिये.

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  3. मेरा मिथुन लग्न है
    गुरु १ भाव मे है
    चंद्र मंगल २ भाव मे है
    शनि ३ भाव मे है
    राहू ४ भाव मे है
    केतु सूर्य बुध शुक्र १० भाव मै है....... इस का क्या प्रभाव होगा....

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  4. mera name jalpesh he my dob-30/11/1992 time-20.30 8.30 PM
    place Mithapur Gujarat
    muje job achhi nhi milti koi suggestion dijiye ya job ya dhandha krna chahiye or mera bhagyoday kab hoga or marriage kesi hogi love ya arrange

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  5. barwa bhaw yadi kharch avm vilasita ka hai to ukt sthan main chandra mangal or tula ka shukra ho to jatk ke jivan main eska kya prbhav padega

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