Monday, October 24, 2011

could you please tell me what her stars are in horoscop and what they say inculding her future and specially health/?

कन्या लगन की यह कुंडली है और लगनेश बुध सिंह राशि में होकर बारहवे भाव में धन और भाग्य के मालिक शुक्र खर्चे के मालिक सूर्य के साथ विराजमान है.बुध कार्य और पिता के भाव के भी मालिक है.जातिका अहमदाबाद में पिछले नौ सितम्बर २०११ में पैदा हुयी है.कुंडली में लगन में शनि विराजमान है और कन्या लगन का दूसरा द्रेष्कान जातिका के लिए अपनी पोजीशन को बता रहा है,इस द्रेष्कान के बारे में शास्त्रों में कथन है की हाथ में धनुष आय व्यय का हिसाब रखने वाला श्यामवर्ण शरीर लेखन कार्य में चतुर बालो से भरा शरीर.जातिका के बारे में इस द्रेष्कान का अर्थ बहुत ही गहरा लिया जाता है,हाथ में धनुष इस बात का अर्थ चौथे भाव की धनु राशि से माना जाएगा,आय व्यय का हिसाब रखने वाला का मतलब ग्यारहवे भाव और बारहवे भाव से लिया जाएगा,श्याम वर्ण शरीर का अर्थ शनि कहाँ है इस बात से लिया जाएगा,बालो से भरा शरीर इस बात के लिए राहू को देखा जाएगा की वह कहाँ है.जातिका का पूरा जीवन इन्ही बातो पर निर्भर करता है.धनु राशि जातिका के चौथे भाव में है और यह स्थान जन्म स्थान के बारे में बताया गया है,इस राशि पर मंगल की दृष्टि है,अष्टम वक्री गुरु की दृष्टि है,तथा यह राशि राहू और चन्द्रमा के बीच में स्थिति है.यह स्थान मंगल से देखे जाने के कारण अस्पताल के मामले में जाना जाता है,जन्म स्थान के बारहवे भाव में राहू के होने से तथा राहू की दृष्टि चन्द्र केतु पर जाने से केतु की दृष्टि शनि पर जाने से और शनि की दृष्टि मंगल पर जाने से मंगल की दृष्टि शनि तथा चन्द्रमा पर जाने से जिन कारको को प्रदर्शित करता है और जातिका के चौथे भाव की धनु राशि का प्रभाव इस प्रकार से बताता है:-
  • मंगल अस्पताल है,तथा मंगल ही खून का कारक है,मंगल ही मिथुन राशि में होने के कारण तथा अष्टम से तीसरे भाव में होने से सहायक डाक्टर के रूप में माना जाता है,वक्री गुरु होने से और वक्री गुरु का प्रभाव मंगल पर जाने से डाक्टर को स्त्री डाक्टर के रूप में जाना जाता है,मंगल को लगन का शनि जो कन्या राशि में होने के कारण तथा मंगल पर दसवी नजर रखने के कारण डाक्टर के निवास स्थान से उत्तर में खुद का अस्पताल होने या किराए का अस्पताल होने की बात मानी जा सकती है.मंगल के द्वारा पंचम चन्द्रमा पर नजर रखने के कारण डाक्टर को संतान संबंधी रोगों का जानकार माना जा सकता है इस डाक्टर को राहू के द्वारा चन्द्रमा पर नजर रखने के कारण संतान पैदा होने के समय के इन्फेक्सन आदि के बारे में माहिर जाना जा सकता है.राहू के सप्तम  में केतु के होने से और केतु से दूसरे  भाव में मंगल के होने से डाक्टर ने अपने अस्पताल का नाम दूसरा बदला है यह भी माना जा सकता है.
  • शनि के द्वारा राहू को देखे जाने से अस्पताल में काम करने वाले सहायको के प्रति भी देखा जाता है जो राहू यानी साफ़ सफाई करने वाले और साथ में काम भी करने वाले माने जाते है,राहू का तीसरे भाव में होना और केतु का नवे भाव में होना राहू का इन्फेक्सन के घर में होना तथा केतु का लगाए जाने वाले इंजेक्सन से होना इंजेक्सन में भरी जाने वाली दवा गुरु के केतु से बारहवे भाव में होने से जातिका के लिए जो दवा पहले प्रयोग की गयी थी उसे किसी कारण से बदल दिया गया,चन्द्रमा से छठे भाव में मंगल के होने से जातिका की माता के पृष्ठ भाग में नितम्ब पर वह इंजेक्सन लगाया गया और उस इंजेक्सन के लगाने के बाद जातिका का जल्दी से जन्म करवाने की प्रक्रिया का उपयोग किया गया,जातिका का उलटा पैदा होना भी गुरु के वक्री होने से माना जाता है और पैदा होने के समय गर्भाशय की झिल्ली फट जाने से जातिका के मुहं में गंदा पानी (राहू के अष्टम में मंगल) का जाना भी माना जा सकता है.
  • जातिका के पैदा होने के बाद जातिका को कृत्रिम सांस देकर भी ज़िंदा रखने की कोशिश की जाती है (शनि से अष्टम वक्री गुरु) उसके बाद जातिका को स्थान बदल कर ऊपरी मंजिल पर रखा जाता है.
  • इस कुंडली में जन्म के समय गंदा पानी जाने से जातिका को इन्फेक्सन वाले रोग है जिनसे जातिका को सांस लेने की परेशानी है,नाभि के नीचे के भाग में पानी की मात्रा का अधिक होना और पाचन क्रिया का सही नहीं होना तथा पीलिया जैसे रोग का होना भी माना जाता है. (अष्टम का वक्री गुरु तथा गुरु से आगे केतु) .
  • लगनेश से छठे भाव में चन्द्रमा के होने से जातिका को पानी संबंधी बीमारी का होना माना जाता है साथ ही चन्द्रमा की दशा चलने से और आने वाले नवम्बर के महीने तक शनि के कन्या राशि में ही रहने से जातिका को पाचन क्रिया वाली बीमारिया खून के इन्फेक्सन आदि की बीमारिया रहना माना जाता है.
जातिका के लिए मंगल शनि और शुक्र को दिक्कत देने वाला माना जता है लेकिन माता के रहते अक्सर सभी दुःख माता पर ही जाते है,अक्सर जातिका के इस बीमारी का कारण एक और माना जाता है की या तो जातिका की माता ने गर्भ के समय में प्राथमिक समय में कोइ दवाईया गर्भपात के लिए ली हो या किसी प्रकार से अधिक से अधिक इन्फेक्टेड भोजन को किया हो.मोती लगा हुआ चांदी का चन्द्रमा जातिका के गले में पहिनाने से फ़ायदा मिलेगा.

3 comments:

  1. aap ka kundli parna vakiya mai ,ADBHUT, hai. kash aap ka sanidha mil jay to main bhi loge ki seva karu.

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  2. Guruji , aap pls meri patrika dhekhiye na pls, muje guide kijiye, fees bhi boliye pls, mera date - 23 november 1984, pune me rat ko 8:10 baje , muje bhi meri patrika ke bare me pls aisa hi margdarshan kijiyega

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