Saturday, October 8, 2011

effect of rahu dasa

दिल्ली से एक सज्जन का प्रश्न है की उनके लिए राहू की दशा का क्या प्रभाव पडेगा.इस प्रश्न के उत्तर के लिए यह जानना आवश्यक है की राहू किस प्रकार का प्रभाव देता है,जन्म समय में राहू जिस भाव में होता है उस भाव का फल और जिस राशि में होता है उस राशि का तथा जिस गृह के साथ होता है जिस गृह की निगाह राहू पर होती है उन्ही शक्तियों को लेकर राहू अपनी ताकत को गोचर के समय में अपने अपने समय में अपने अपने भाव के अनुसार फल देता चला जाता है.राहू की दशा का प्रभाव उन्नीस साल का होता है और जिस भाव में यह जिस गृह के साथ गोचर करता है उसी के अनुसार उसी ग्रह के बारे में अपने फल देने के लिए माना जाता है राहू की दशा में एनी ग्रहों का गोचर का फल भी बाधित होता है और अगर कोइ ग्रह फ़ायदा या नुकसान देने के लिए अपनी ताकत को देता है तो राहू के बल के कारण किसी भी ग्रह और भाव का तथा राशि का फल समझ में भी नहीं आता है और वह अच्छे बुरे का कारण भी पता नहीं कर पाता है.वर्त्तमान में इन सज्जन के लगन में राहू का गोचर है और वह लगन में विराजमान शुक्र के साथ अपना प्रभाव देने के लिए माना जाएगा लगन का शुक्र भी एक प्रकार से जातक के लिए पत्नी या पत्नी जैसे रिस्तो के लिए माना जा सकता है इसमे घर के अन्दर माता या माता जैसी स्त्री से कोइ भ्रम वाली स्थिति को भी बनाना माना जा सकता है वक्री गुरु से राहू का सम्बन्ध होने के कारण किसी बाहर रहने वाले भाई के लिए भी कोइ बड़ा ओहदा या कार्य का विस्तार होना माना जा सकता है.यह राहू मंगल के मीन राशि में होने के कारण अपना गलत असर नहीं देता है साथ ही वर्त्तमान में योग ध्यान समाधि की तरफ भी मन को ले जाना वाला माना जाता है पैदा होने वाले स्थान का नवीनी कारन भी कराया जाना माना जाता है जिसके लिए तीसरे नंबर का लड़का अपनी सहायता को धन और इसी प्रकार की सहायताओ को देने वाला होता है,कार्यों के लिए भी दो लोग सहायता में आजाते है और अक्सर इस समय में सबसे अधिक प्रभाव पत्नी पर पड़ता है उसे किसी न किसी बात की चिंता रहती है किसी अन्य स्त्री से गुप्त सम्बन्ध भी माने जा सकते है,लेकिन वह सम्बन्ध भावनात्मक ही होती है किसी प्रकार के पाप के नजरिये से नहीं होते है,जातक के लगन में राहू के होने से जातक के अन्दर अक्सर शमशानी विचार भी आने शुरू हो जाते है जैसे स्वप्न में मरे हुए लोग दिखाई देना जंगल पर्वत या शेर आदि जंगली जानवरों का दिखाई देना तामसी भोजन की तरफ मानसिक भावना का जाना,अपने को अकेला समझ कर किसी प्रकार की बड़ी योगात्मक उपलब्धि को प्राप्त करने का अवसर खोजना आदि माना जाता है.इस राहू के दुष्प्रभाव से बचने के लिए संतान से किसी प्रकार की कहा सूनी ठीक नहीं होती है या किसी मिलाने वाले से अधिक प्रेम व्यवहार नहीं करना पड़ता है अन्यथा आशंकाओं के चलते या बड़े लाभ का लोभ देकर कोइ भी ठगने के लिए भी अपनी योग्यता को दिखाकर चला जाता है जैसे कोइ तांत्रिक चीजे या कोइ आश्चर्य जनक वास्तु का दिखाया जाना और फिर उस वास्तु के माध्यम से धन या संपत्ति का विनाश कर देना आदि.दुष्प्रभाव के लिए मंगल के उपाय मंदिरों में माथा टेकना या रास्ता चलते दवाइयों को लेते समय या किसी अनैतिक कारण के बनाने पर अपने को अकेलें नहीं रखना आदि उपाय माने जाते है.

2 comments:

  1. pranam guru ji
    mera naam swati hai meri dob 8-8-1987, time 6:17pm, New Delhi hai. meri rahu ki mahadasha chal rahi hai mai civil services ki preparation karna chati hu kya mujhe safalta milegi or bataiye ki aage meri life kaisi rahegi. Jeevan me tarakki karne or sabhi chitao se mukt rehne ke upay bataye meri kundli anusar.

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