Wednesday, October 19, 2011

mera ane wala time kaisa hoga

मीन लगन की कुंडली है और गुरु का स्थान बारहवे भाव में है,गुरु वक्री है.शनि की स्थिति लाभ और व्यय दोनों के लिए मानी जायेगी कारण शनि लाभ का भी मालिक है और व्यय का भी मालिक है जातक के द्वारा जो भी कार्य लगन और दसवे भाव के अनुसार गुरु के द्वारा किया जाएगा शनि लाभ भी देगा और खर्चा भी करवा लेगा,इस गुरु के वक्री होने से जातक के छठे भाव पर भी नजर है इस भाव पर चौथे मिथुन राशि के शनि की भी है पिछले समय में केतु का भी गोचर भी जन्म के शनि पर रहा है,इस प्रकार से जो भी कार्य चौथे भाव से सम्बंधित हुए है उनके ऊपर किसी न किसी प्रकार से कमन्यूकेशन से अदालती मामले से या धन संबंधी मामले में किये गए है वे किसी न किसी प्रकार से कानूनी शिकंजे में आने भी माने जा सकाते है,वर्त्तमान में तीसरे केतु का प्रभाव सप्तम में विराजमान शुक्र सूर्य मंगल पर भी है यह मंगल किसी न किसी प्रकार से धन संबंधी मामले में नौकरी से सम्बंधित मामले में अस्पताली मामले में सरकारी धन के मामले में जैसे सरकारी रूप से धन की खोज करना और उसके बारे में कानूनी कारण से बचाने की कोशिश करना आदि माना जा सकता है,इस कारण से जब भी गुरु कुंडली में वक्री होगा उस समय जातक के सामने अदालती फैसले दिक्कत देने वाले बन जायेंगे या पैतृक संपत्ति आदि के मामले में दिक्कत पैदा हो जायेगी,जातक का निवास भी किसी विदेश में रहने या जन्म स्थान से दूर रहने के लिए माना जा सकाता है,इस कारण में भी जातक के लिए किसी न किसी प्रकार की नीची प्रक्रिया से भी गुरु का उद्देश्य धन कमाने के लिए विभिन्न गुप्त तरीको का प्रयोग किया जाता है या किसी प्रकार से अपनी बातो से लोगो को बहला कर नीच के कार्य किये जाते है.जो भी नौकरी या कानूनी कारण बन रहे है वे आगे के समय में केतु की दशा लगाने पर भटकाव देने के लिए भी अपनी शक्ति को देंगे.

जातक को इस गोचर और जन्म के राहू के उपाय करने चाहिए तथा किसी प्रकार से अपने को धार्मिक संगती में रखकर बिना लाभ के धर्म स्थान की सेवा आदि करनी चाहिए.

3 comments:

  1. PRANAAM GURU G MERI KUNDALI BHI MIN LAGAN KI HAI 7 HOUSE ME GURU SHANI SURYA EK SAATH BAITHE HAI USKA MERE LIFE PAR KYA PRABHAV PADEGA DOB 26-9-1980 TIME 6.30 PM GHAZIPUR U.P.

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