Thursday, October 20, 2011

why some time pain my stomach too much?

कर्क लगन की कुंडली है और चन्द्रमा पंचम स्थान में वक्री गुरु के साथ विराजमान है.लगाने में विराजमान सूर्य बुध अपनी नवं पंचम की युति जातक के पंचम भाव के चन्द्रमा और गुरु से मिला रहे है,गुरु बीमारी का भी मालिक है और गुरु भाग्य का भी मालिक है. गुरु को पञ्च तत्वों में वायु का कारक कहा जाता है.गुरु और चन्द्र की युति से पानी और वायु का समिश्रण भी माना जाता है.मंगल राहू बारहवे भाव में है और केतु का स्थान धनु राशि का होकर छठे भाव में है.शुक्र का स्थान दूसरे भाव में है और शनि चौथे भाव में तुला राशि का होकर उच्च फल की प्राप्ति करवा रहा है.

जिस प्रकार से लगन से चौथा स्थान रहने का स्थान माना जाता है उसी प्रकार से किसी भी भाव का चौथा भाव उसके निवास से माना जाता है जैसे धन का स्थान दूसरा है तो धन के निवास का स्थान पंचम माना जाता है,लाभ का स्थान ग्यारहवा है तो लाभ के रहने का स्थान दूसरा भाव माना जाएगा.उसी प्रकार से बीमारी का स्थान छठा भाव है तो बीमारी के रहने का स्थान नवा भाव माना जाएगा,नवे भाव के कारक हमेशा बारहवे भाव में निवास करेंगे और बारहवे भाव के कारक तीसरे भाव में निवास करेंगे साथ ही तीसरे भाव के कारक छठे भाव में निवास करेंगे.इस प्रकार से माना जा सकता है की बीमारी को पैदा करने वाला स्थान तीसरा भाव है,तब बीमारी का निवास स्थान छठा भाव माना जाएगा.तीसरे भाव का मालिक बुध है और बुध लगन में सूर्य के साथ विराजमान है कर्क राशि का बुध खेलकूद के मैदान से भी सम्बन्ध रखता है,सूर्य के साथ होने से सरकारी शिक्षा के स्थान का खेलकूद का मैदान भी माना जाता है,बुध को कर्क राशि में होने पर और मंगल राहू के बारहवे भाव में होने से खेलकूद के अन्दर गेंद का स्तेमाल होना भी माना जा सकता है.मतलब रोग के पैदा होने का कारण खेलकूद में किसी प्रकार की चोट का लगना माना जाता है.

लगन पंचम नवं को चोटी नाभि और एडी के रूप में माना गया है साथ ही इनके मध्य आने वाले भाग शरीर के अन्य भावो के लिए जाने जाते है,पंचम स्थान में गुरु के वक्री होने का और चन्द्रमा के साथ होने का नाभि वाली बीमारियों के लिए माना जाता है.गुरु जो वायु का रूप है वक्री होने पर ऊपर वायु का चढ़ना साथ ही केतु का छठे भाव में होना यानी आंत में संकुचन,तथा बारहवे भाव में राहू मंगल के साथ होने का मतलब है मिर्च मसाले वाले पदार्थ बाहर खाना या इसी प्रकार के भोजन को लेकर सो जाना माने जाते है.

जातक के लिए माना जाता है की वह किसी खेल कूद में अपने को संभाल नहीं पाने के कारण गिरा है या कूदा है जिससे उसकी नाभि का बेलन्स खराब हो गया है यानी इधर उधर हो गया है नाभि को सेंटर में लाने वाले किसी डाक्टर से नाभि को सही करवा लिया जाए फिर यह अक्समात पेट में उठाने वाली पीड़ा समाप्त हो जायेगी यह पीडी वायु गोला के रूप में भी मानी जाती है इसके लिए भोजन का सही और संतुलन मात्रा में लेना ठीक रहेगा.

14 comments:

  1. Guru g mera naam Devendar swaroop Uppadhayay h mera janam 05/07/1991 me raat 1:10 mint par Bareilly m hua h...me jaanna chahata hu meri study kaisi chale gi or meri sarkaari job kab tak lage gi or meri saadi love hogi ya arrenge pls guru g reply

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  2. Guru g mera naam Devendar swaroop Uppadhayay h mera janam 05/07/1991 me raat 1:10 mint par Bareilly m hua h...me jaanna chahata hu meri study kaisi chale gi or meri sarkaari job kab tak lage gi or meri saadi love hogi ya arrenge pls guru g reply

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  3. Guru g ma manpreet kaur .d.o.b 31-11-1987 meri sadi kid year and kis NAL ho gyi

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    1. मनप्रीत जी
      जन्मपत्री से आपके विवाह का समय जानने के लिए अपना जन्म समय एवं जन्म स्थान की जानकारी भी दें.

      धन्यवाद

      रेखा कल्पदेव

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  4. Guru g namste guru g meri shadi kab tak hogii mein bahut hi tenshn mein hon d.o.b 15.9.1989
    4.13 a.m ludhiana plzzzzz rrplyyy kro guru g

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    1. साहिल जी
      आपका जन्म सिंह लग्न, कुम्भ राशि में हुआ है. वर्तमान में आपकी शनि/ सूर्य की दशा चल रही है. यह दशा अक्तूबर २०१५ तक रहेगी. इसके बाद शनि / चन्द्र - मई २०१७ तक रहेगा. आपके विवाह भाव अर्थात ७ वें भाव में राहु चन्द्र के साथ स्वयं विराजमान है. लग्नेश सूर्य इनसे अपना द्रष्टि संबन्ध बना रहे है. सप्तमेश शनि भी सप्तम भाव को देख बल प्रदान कर रहे है. गुरु का देखना विवाह जीवन को सुखद और सफल बना रहा है. राहू और सूर्य का विवाह भाव से संबंध न होकर देरी का कारण बन रहा है. अभी आपकी आयु २६ वर्ष की है. अक्तूबर २०१५ में चन्द्र का अन्तर और गुरु का गोचर विवाह होने के ६० % योग बना रहे है. इस समय में अपने प्रयास बढाकर आप विवाह सूत्र में बंध सकते है. ग्रह योग, दशा और गोचर की शुभता भी आपके प्रयासों पर निर्भर करती है. तथा इसके बाद आने वाला राहू का अंतर अप्रैल २०१७ - २०२१ के समय में आपका विवाह निश्चित रूप से हो जाएगा.

      धन्यवाद

      रेखा कल्पदेव

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  5. Pandit ji namaskar name shashivendra shukla 25.01.1991 ; 3.22 am kanpur dehat pandit ji meri sadi kab hogi plz reply

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  6. Pandit ji namaskar name shashivendra shukla 25.01.1991 ; 3.22 am kanpur dehat pandit ji meri sadi kab hogi plz reply

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  7. Panditji namste mera naam abhishek hai meri sadi kab tak hogi meri dob-28/09/1988 time 1:02am hai morena

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    1. Panditji namste mera naam abhishek hai meri sadi kab tak hogi meri dob-28/09/1988 time 1:02am hai morena

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    2. Panditji namste mera naam abhishek hai meri sadi kab tak hogi meri dob-28/09/1988 time 1:02am hai morena pls reply

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  8. Namskar guru Ji manu mere janm time nahi pata 4:45-5:00pm city moga state punjab

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