प्रस्तुत कुंडली लखनऊ की एक जातिका की है,उसका जन्म 5th Dec.1999 Time 07:14 AM पर हुआ था। इस कुंडली के अनुसार पुनर्जन्म के प्रति ज्योतिष से विवरण मिलता है। जातिका के दादा (राहु) का स्थान कर्क राशि मे नवे भाव मे है। जातिका के दादा की संख्या गिनती में कुल छ: मिलती है जबकि ज्योतिष से पांच की औकात यानी पुत्र सन्तान के प्रति मिलती है बाकी एक की या तो शादी नही होती है या शादी के बाद केवल पुत्री संतान का होना मिलता है। जातिका के दादा अपने भाइयों में बडे मिलते है (ग्यारहवे भाव से ग्यारहवां भाव) उनकी तीन शादियां मिलती है। पहली केतु दूसरी मंगल और तीसरी केतु मंगल। दूसरे नम्बर की शादी जो मंगल से सम्बन्ध रखती है वह जातिका की दादी के रूप में घरेलू क्लेश के कारण जल कर खत्म होने की बात मिलती है। वही दादी जातिका के रूप में आकर घर में दुबारा से पैदा होती है। लगनेश मंगल केतु के साथ है,और मंगल की चतुर्थ द्रिष्टि गुरु और शनि (दोनो ही वक्री) पर होनी मिलती है। जातिका की दादी अपने परिवार से बहुत लगाव रखती थी और वक्री यानी वापसी मे दुबारा से आकर उसी घर मे जन्म लेती है। जातिका की दादी की मौत छ: दिसम्बर को हुयी थी और जातिका का जन्म पांच दिसम्बर को हुआ है। जातिका के जन्म के पहले जातिका के पिता को स्वप्न में एक स्त्री दिखाई देती है जिसका मुंह जला हुआ है। यही स्वप्न जातिका की नानी को भी दिखाई देता है। जातिका का स्वभाव बहुत ही उग्र है वह कभी भी किसी भी काम के लिये एक स्थान पर टिकती नही है,कमन्यूकेशन कम्पयूटर और तकनीकी कामो मे उसका खूब मन लगता है याददास्त भी बहुत अच्छी है। कभी कभी बीमार हो जाती है तो कोई भी डाक्टर अपनी रिपोर्ट को सही नही बता पाता है अलग अलग जांच मे अलग अलग बीमारी को प्रकट किया जाता है लेकिन वास्तविक रूप से किसी भी बीमारी को नही प्रकट किया जाता है। अभी जातिका के दादा जिन्दा है वह अपने दादा से बहुत नफ़रत करती है और अपने माता पिता को जी जान से अधिक चाहती है। जातिका की माता भी तीन बहिने है,(चौथे भाव को शुक्र चन्द्र और बुध के द्वारा देखा जाना) जातिका के दो मामा है। जातिका की माता बहुत ही भली महिला है और हर बात को बहुत अधिक सोचने के लिये तथा पूजा पाठ मे बहुत अधिक ध्यान देने वाली है।
guru ,g, bhaut complicate ho gaya samaj nahi aa paya.4house ko shukar, bhudh,chander k davara dekhna.(5 drishti se),ye 5 se nahi dekh sakte.kirpa vistar se likhe THANKS
ReplyDeleteGuruji Pranam na,agla janam dekha na pichla, present janam dekha aur dekha Rahi hu is janam mai apne aur pati ko hamesha imandaari se kaam karate hua dekha aur bade bhiya ko cheat karate hua dekha aur hum unke khilaaf Aswaj na Uthanye sake
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