यह मिथुन लगन की कुंडली है और बुध इसका स्वामी है.जातक का जन्म राजस्थान के झुंझनू जिला मे हुआ है.जातक के दिमाग मे केवल सरकारी नौकरी करने का भूत सवार है इसलिये वह किसी भी क्षेत्र की अन्य नौकरियों या व्यवसाय में सफ़ल नही हो पा रहा है। इस कुंडली मे एक खास विशेषता आपको मिलेगी कि जब राहु केतु अपनी नजर किसी भी ग्रह पर नही डालपाते है तो वह जातक को पूरी जिन्दगी भ्रम में ही रखते है,राहु विद्या को देने वाला और केतु साधनो को देने वाला है,वह साधन चाहे गलत कारको से दे या राहु विद्या को गलत भाव से दे,लेकिन दोनो ही जातक के लिये लाभ देने वाले ही होते है.अगर राहु चोरी करने के मालिक से अपनी युति रखता है तो वह जातक के जीवन को चोरी करने के कारण से ही बिताने के लिये अपनी युति को देता है अगर जातक धर्म के मालिक से अपनी युति को रखता है तो वह जातक को धर्म से ही जीवन को बिताने के लिये अपनी युति को देता है। राहु का स्थान लाभ भाव मे है और केतु का स्थान सरकारी कारणो की राशि पंचम में है। चन्द्रमा से भी जातक की मानसिक प्रकृति को देखते है तो वह नौकरी के भाव मे ही विद्यमान है,साथ मे शनि को भी साथ लिये है,चन्द्रमा का छठे भाव मे बैठने का कारण किसी भी प्रयास मे अगर प्लान बनाकर काम किया जाये तो वह सफ़ल नही हो पाता है वैसे रास्ता चलते सभी काम सफ़ल होते जाते है। चन्द्र लगनेश का भी गुरु की राशि मे मीन मे होने और शुक्र जो बारहवे भाव का मालिक भी है और पंचम का मालिक भी है लाभ के मालिक और नौकरी के मालिक मंगल के साथ होने से जातक के लिये मानसिक इच्छा में सरकारी नौकरी से ही धन को प्राप्त करने की चाहत मिलती है.राहु केतु ने भी सीमा बांध रखी है,राहु ने मंगल शुक्र को अपने ग्रहण मे ले रखा है और केतु ने चन्द्र शनि को बल दिया हुआ है। राहु के भूत को अगर केतु के साधन अपना बल दे दें तो किसी भी जातक की तरक्की मे कोई बाधा नही मिलती है। केतु के दूसरे भाव में और राहु के बारहवे भाव में ग्रहों का प्रभाव भी समझने के लिये माना जा सकता है,किसी भी ग्रह से अगर राहु आगे के भाव मे है तो वह ग्रह से उसकी शक्ति को ग्रहण कर लेगा,अगर किसी ग्रह से राहु पीछे के भाव मे है तो वह उस ग्रह को अपनी शक्ति से पीछे के भाव के बल को दे देगा। यही बात केतु के लिये जानी जाती है,जब केतु किसी भी ग्रह से आगे होता है तो वह साधनो के रूप मे बल प्राप्त करने के लिये ग्रह की ताकत को खींचनाशुरु कर देगा,लेकिन जब केतु किसी ग्रह के बारहवे भाव मे है तो वह अपनी शक्ति से ग्रह के साधनो को बल देना शुरु कर देगा। लेकिन साधन उसी भाव के देगा जिस भाव मे ग्रह स्थापित है.इस कुंडली में शनि चन्द्र शमशानी राशि वृश्चिक मे है और छाठे भाव मे भी है,जातक को केतु तुला राशि का बल देगा तुला राशि प्राइवेट कम्पनी मे और खुद का व्यापार करने वाली राशि है तथा केतु इसी भाव का बल लेकर जातक को देता रहेगा.जातक की मानसिक इच्छा तो सरकरी नौकरी मे जाने की होगी लेकिन वह सरकार से सम्बन्धित व्यापार भाव रखने वाली कम्पनी मे तो काम कर सकता है लेकिन पूरी तरह से सरकारी नौकरी नही कर सकता है.
To sir ji sarkari nokri wastav me kab milti he...batane ka kasth kre...
ReplyDeleteलगनेश कार्येश राज्य के कारक ग्रह सूर्य से मजबूत सम्बन्ध बना रहे हो,सेवा भाव (छठा) सूर्य से जुडा हो.
Deleteguru dev namskar
ReplyDeletemera D.O.B 12-7-1985 h 3.40 am
ka h
main sarkari nukari k liye mehnat kar raha hu
aur safal nahi ho pa raha hu
kripya margdarshan kare
ki main nukari k liye mehnat karu ya phir apna kaam karu
प्रदीप जी आपकी कुंडली के अनुसार राज्य का कारक ग्रह सूर्य मंगल के साथ धन भाव मे सेवा का कारक ग्रह शुक्र लगन मे लगनेश खुद लगन मे वक्री गुरु से सम्बन्ध बना रहे है केतु वक्री शनि के साथ सेवा भाव मे है जो राज्य से सम्बन्धित कार्य करने प्रोढावस्था तक लगातार सेवा देने तथा राजकीय कार्यों के साथ साथ ठेकेदारी और अलावा कार्यों से अलावा धन प्राप्त करने के लिये अपना फ़ल प्रदान कर रहा है छठे से छठा भाव का मालिक ग्रह गुरु भाग्य भाव मे वक्री है और सूर्य के साथ मंगल से अपनी सेवा वाली स्थिति को दर्शा रहा है इस कारण से भी सरकारी कार्यों के अलावा अलावा धन प्राप्त करने जमीन की नाप जोख अदालती काम ऊंची स्थिति के प्रति किये जाने वाले कार्य बडे संस्थानो को सम्भालने के काम माने जाते है,इसलिये आप अपनी योग्यता के अनुसार प्रयास करते रहे,सफ़लता की शुरुआत 19 अक्टूबर 2013 से मिलनी शुरु होगी,लेकिन अपनी योग्यता का आधार डिग्री आदि मे कोई फ़रेबी कारण नही होना चाहिये अन्यथा सूर्य के साथ मंगल आपकी योग्यता को जड से उखाडने का काम भी करेगा.
Deletedhanybaad gurudev is margdrshan k liye
Deletemera manobal bi badh gaya h
dhanybaad
प्रिय महोदय
ReplyDeleteमैं निम्न बर्थ - डेटा आपको इस अनुरोध के साथ प्रेषित कर रहा हुँ कि कृपया अपने स्तर से विश्लेषण कर के सम्बंधित समाधान को मेरे मेल आई डी mpverma49@gmail.com पर प्रेषित करने का कष्ट करे। नव - वर्ष कि शुभ-कामनाओं के साथ ,
1.नाम – MPVerma / Male
जन्म-तिथि -04.09.1960
जन्म -समय -18.01 P.M.
जन्म-स्थान -Lar,Deoria,U.P.,India / वर्तमान निवास स्थान - Lucknow,U.P.,India
जन्म-स्थान Lattitude- 26:11;N
जन्म-स्थान Longitude-83:57:E
विचारणीय विषय - जातक के सर्विस में स्थानांतरण योग
2.नाम - Arya / Female
जन्म-तिथि -26.07.1990
जन्म -समय -13.46 P.M.
जन्म-स्थान -Gorakhpur,U.P.,India / वर्तमान निवास स्थान - Lucknow,U.P.,India
जन्म-स्थान Lattitude- 26:45;N
जन्म-स्थान Longitude-83:23:E
विचारणीय विषय - जातक के भारतीय प्रशासनिक सेवा( I.A.S.) में स्थापित होने के योग
3.नाम - Agrottam / Male
जन्म-तिथि -26.05.1989
जन्म -समय -20.43 P.M.
जन्म-स्थान -Gorakhpur,U.P.,India / वर्तमान निवास स्थान - Lucknow,U.P.,India
जन्म-स्थान Lattitude- 26:45;N
जन्म-स्थान Longitude-83:23:E
विचारणीय विषय - जातक के सरकारी सेवा( Govt.Service) में स्थापित होने के योग
Guru dev namskar
ReplyDeletemera naam arvind sharma h
d.o.b-11-sep-1995
time-10:35pm
place -aligarh
sub-gove job ka yog h ya nhi
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