Wednesday, November 2, 2011

Nature of Stars.

ज्योतिष में ग्रह की प्रकृति को समझना बहुत जरूरी होता है वैदिक ज्योतिष में बहुत से कारण केवल ग्रह की प्रकृति को जानने के बाद ही पता चलते है.अनंत ब्रह्माण्ड से बारह रश्मिया मिलाती है यह मानुष के जीवन को जन्म से मौत तक प्रारब्ध के अनुसार प्रभावित करती है,इन्ही रश्मियों की अधिकता और कमी से शरीर में मन में और खुद के जीवन में कमी भी आती है बढ़ोत्तरी भी होती है,शरीर स्वस्थ भी रहताहै और बीमार भी होता है व्यक्ति धनी भी बनाता है और निर्धन भी हो जाता है,कालपुरुष के अनुसार केंद्र में चारो ही राशिया चार राशिया होती है,इनके अन्दर ग्रह उच्च का होता है तो जीवन उन्नत हो जाता है ग्रह इनके अन्दर नीच का होता है तो जीवन संघर्षमय हो जाता है.जो त्रिकोण जीवन के प्रति मिलते है उनके अन्दर पहला त्रिकोण मेष सिंह और धनु राशि का है कुंडली में यह त्रिकोण जहां भी उपस्थित होता है वह धनात्मक प्रभाव को देने वाला होता है,इसी प्रकार से मिथुन तुला और कुम्भ का त्रिकोण भी धनात्म होता है,कर्क वृश्चिक और मीन राशिओं का त्रिकोण नकारात्मक है,वृष कन्या और मकर का त्रिकोण भी नकारात्मक प्रभाव को देने वाला है,इस प्रकार से राशियों में छः राशिया धनाताम्क है और छः राशिया नकारात्मक प्रभाव देने वाली है,यही प्रकार जीवन में उतार चढ़ाव देने वाले माने जाते है.लेकिन कभी कभी ग्रह उच्च के होने और नीच के होने से वक्री होने से अस्त होने से मार्गी होने से और भी कठिन दुःख सुख मिलाने शुरू हो जाते है.सबसे पहले सूर्य के बारे में जानने की कोशिश करते है.
सूर्य
सूर्य जगत का पिता है इसी की शक्ति से समस्त ग्रह चलायमान है यह आत्मा का कारक है और पिता तथा पुत्र के बारे में सूचित करता है,पुत्र राज्य सम्मान पद बड़ा भाई शक्ति दाहिनी आँख अस्पताली कारण इलाज के लिए किये जाने वाले उपाय आत्मा के साथ पूर्वजो के लिए किये जाने वाले कारण और उपाय भगवान शिव की भक्ति राजनीति में जाने और राजनीति में दखल देने कारण भी सूर्य से ही जाने जाते है.पहले भाव में अहम् देता  है लेकिन नकारात्मक राशि में जाकर  हीन भावना को पैदा करता है, राहू के साथ जाकर अँधेरे में चला जाता है और किये जाने वाले कार्य और काया पर दाग देता है आत्मा को गंदा बना देता है केतु के साथ जाकर अपने को लोगो के हित में जाने का शौक तो होता है लेकिन आसपास के माहौल और घरेलू परिवेश में वह किसी न किसी प्रकार से क्लेश देने का कारक भी बन जाता है.

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