Wednesday, February 22, 2012

गल्ती दिग्विजय की नहीं ?

मीन राशि का मालिक गुरु बताया जाता है लेकिन हकीकत मे इस राशि का मालिक राहु होता है.राहु के गोचर के अनुसार मीन राशि काम करती है.प्रस्तुत कुंडली एक दिग्विजय नामक व्यक्ति की है जो मुंबई मे पैदा हुआ है और बहुत ही बडी उलझन मे फ़ंसा हुआ है.इस राशि के अनुसार धन भाव मे बाहुवल है,हिम्मत मे धन बल है मानसिकता मे कमन्यूकेशन है,राज्य मे जनता है रोजाना के कामो मे और कर्जा दुश्मनी बीमारी को पैदा करने मे राज्य का बल मिला है साझेदार और जिन लोगो से जीवन भर उलझना है वह बाते उन्ही लोगो के लिये है जो मेहनत कश लोग है बैंक और बचत वाले कामो से जुडे है,अपमान मृत्यु जान जोखिम मे तथा रिस्क लेने मे बेलेन्स बनाने की कला है,धर्म भाग्य और विदेश आदि के मामले मे गूढ बातो को निकाल कर कटाक्ष करने की आदत है,जब भी कोई तीखी बात की जायेगी वह धर्म कानून और बडी शिक्षा के प्रति ही की जायेगी रोजाना के कामो मे न्याय से जुडे लोगों में कालेज शिक्षा से जुडे व्यक्तियों से विदेशी नीतियो मे अपनी दखल देने की बात को भी दसवे भाव मे धनु राशि की उपस्थिति से माना जा सकता है.लाभ मे सरकारी कार्यों और सरकारी क्षेत्र से जुडी राशि मकर होने से इन्ही को लाभ के लिये देखा जायेगा तथा जो भी खर्चा होगा वह लाभ से प्राप्त करने के बाद अपनी साख बनाने के लिये मित्रो पर कार्य पूंजी को कार्यों मे लगाकर तथा मानसिक रूप से अपने जीवन को एक बार मित्रता मे लाकर उस मित्रता के प्रति मर मिटने की बात भी सोची जा सकती है और मित्रता के कारणो मे ही अन्तिम गति को माना जा सकता है।

राहु इस राशि का मुख्य कारक होता है जैसे जैसे राहु गोचर से भ्रमण करता है वैसे वैसे कारण जातक के जीवन मे पैदा होते जाते है। यह भी माना जाता है कि जातक के लिये राहु ही भाग्य विधाता से लेकर भाग्य अवरोधक के रूप मे अपना काम करता है.इस राशि वाले अक्सर राहु की आदतो से भी देखे जाते है और दो लोगों को लडाकर दूर बैठ कर तमाशा देखने वाले कारको मे राहु को भी गिना जाता है.राहु मेष राशि मे होने से जातक को बाहुबल देता है वृष राशि मे प्रसिद्धि देता है मिथुन राशि मे असीमित यात्राये देता है और जनता से जुडने के काम देता है कर्क राशि मे जनता से जुडे और जल्दी से धन कमाने के कारको के साथ साथ खेल कूद तंत्र मंत्र और निजी शिक्षण संस्थाओ आदि से धन को देने वाला होता है यह जनता के मनोरंजन आदि के लिये भी अपनी बातो को लोगो से कहलाकर मजे लेने के लिये जाना जाता है,राहु जब सिंह राशि का होता है तो यह गुप्त रूप से सरकारी दवाइयों सरकारी अस्पतालो और सरकार से जुडे बचत करने वाले कार्यों मे अपना दखल देता है कन्या राशि से जूझने के लिये ही इस राशि का प्रभाव राहु देता है और जब यह कन्या राशि का होता है तो इतने दुश्मन पैदा कर देता है कि जातक उन दुश्मनो से जूझने की हिम्मत अपने साथ तीन साथियों के साथ होने पर ही लेता है.लेकिन बडी पोस्ट देने के लिये भी कन्या का राहु अपनी योग्यता को देता है.तुला राशि का राहु जातक को जेल जाने जैसी बातो के लिये जाना जाता है जातक को पश्चिम दिशा से बुरी तरह से अपमानित भी किया जाता है यह अपमान जनता के द्वारा ही होता है या जान जोखिम के लिये जातक को तुला राशि वाले ही अपनी योग्यता से सामने आकर भिडने की कोशिश मे रहते है.यही राहु जब वृश्चिक राशि का होता है तो जातक अपनी अन्दरूनी गुप्त नीतियो से कानूनी लोगो को समाप्त करने और कानूनी के कारको को अपमानित करने के लिये भी अपनी गति को प्रदान करता है विदेशी लोगो से अनाप सनाप फ़ायदा लेने के लिये भी जातक अपनी योग्यता को जाहिर करता है,इस राशि के राहु से जातक सीधे रूप मे तो अपने मित्रो का भला करने की बात करता है सामने भी रहता है लेकिन अन्दरूनी रूप से जो उसके लिये चल रहा होता है वह किसी को नही पता होता है वह अपनी चालाकी से या गुप्त नीति से अस्पताली कारण बनाकर पोस्टमार्टम वाला न्याय दिलाने की हिम्मत भी रखता है.धनु राशि मे आकर वह राज्य से सम्बन्धित धन को प्राप्त करने की युति को पूरा करता है यह धन चाहे वह विदेशी नीतियों से मित्रो के सहयोग से प्राप्त करे या वह रक्षा सेवा आदि के लोगो से उगाही करने के बाद करे या उसने जो पूर्व मे अपनी मानवीय भीड सम्बन्धित बाहुबल प्राप्त किया होता है उससे प्राप्त करने के लिये जाना जाता है इसके अलावा वह सिंह राशि से सम्बन्ध रखने के कारण गुप्त रूप से मनोरंजन मे खेल मे शिक्षा मे राज्य की दुखद स्थिति मे कमाने की हिम्मत भी करता है और दिन रात इसी प्रकार के कारणो मे अपने को लगाये रखता है जैसे वह ही सबसे अधिक काम करने वाला हो,इसके अलावा भी वह राहु जो मीडिया का कारक है के सामने अपनी अच्छी बुरी नीतियों को प्रदर्शित करने की योग्यता को भी रखता है साथ ही अपने किसी भी प्रतिद्वंदी की नीतियों को जनता मे प्रसारित करने की योग्यता को भी सामने रखने की औकात को रखता है,यही राहु जब मकर राशि का होता है तो राजकीय मित्रो की सहायता से दक्षिण दिशा की मित्रता की बदौलत अपने लाभ के साधनो को देखता है राहु की पूरी द्रिष्टि चन्द्रमा पर होने के कारण जातक आसमानी रूप से प्रसारित करने वाली मीडिया से अपना सम्पर्क रखता है और निजी मित्रता पूर्ण सम्बन्ध बनाकर उनसे मन चाहे काम भी निकलवाने की हिम्मत रखता है। यही राहु जब इस राशि के बारहवे भाव मे होता है तो राज्य से सम्बन्धित कारको को बढाने के लिये अपनी छाया से अपने मित्र और राज्य से प्राप्त करने वाले लाभ आदि के लिये भी अपनी डर वाली नीति को प्रदर्शित करता है जिससे लोग उसके आगे पीछे घूमते रहते है।

किसी भी राशि के लिये उसका मानसिक कारण और उसकी मानसिक सोच अगर देखी जाये तो वह जातक के चौथे भाव से देखने को मिलती है,मीन राशि के चौथे भाव मे मिथुन राशि होती है जो भी कारक मिथुन राशि के होते है जैसे मीडिया लिखने की कला बोलने की कला अपने को प्रदर्शित करने की कला लोगो से बात चीत करने की कला अगर यही बात राजकीय पार्टियों के रूप मे देखी जाये तो कांग्रेस जो मिथुन राशि से सम्बन्ध रखती है के रूप मे देखा जा सकता है जबकि विरोध मे कन्या राशि के होने से और कन्या राशि के चौथे भाव मे धनु राशि होने से भाजपा जैसी पार्टियों के खिलाफ़ ही इस प्रकार के जातक अपनी सोच को रखते है। भारत की राशि भी इसी राशि से होने के कारण मीन राशि हमेशा अपने ही देश के प्रति कुछ न कुछ नुक्ताचीनी करने के लिये जानी जाती है और अपने कार्य स्थल को बनाने तथा अन्दरूनी रूप से मिलकर कार्य करने के लिये भी अपनी योग्यता को देखने के लिये जाना जा सकता है.

मीन राशि का जातक किसी न किसी प्रकार से तांत्रिक कारणो से जुडा होता है चाहे वह अपने घर मे पितर आदि की पूजा करता हो या किसी ऐसे व्यक्ति की शरण मे रहता हो जैसे वह शमशानी कारणो से जुडा हो अक्सर इस राशि वाले शमशानी शक्तियों के पुजारी होते है और इस बात को तब और पहिचाना जा सकता है जब इस राशि वाले जातको के होंठो को अगर देखा जाये तो ऊपर वाले होंठ के बीच का हिस्सा कुछ नीचे लटका हुआ होता है। शमशानी शक्तियों के दबाब के कारण अक्सर इस प्रकार का जातक चलते समय नीचे देखकर ही चलता है।

इस राशि वाले व्यक्ति के लिये मारक मेष राशि वाले जातक ही होते है और अक्सर सिर की बीमारियों से जातको की मृत्यु होती है। मोक्ष देने के लिये भी चौथे भाव की राशि को माना जाता है कारण चौथे भाव मे मिथुन राशि होने के कारण और मिथुन राशि का स्वभाव दोहरा होने के कारण जैसे वह किसी के साथ भी अच्छा भी कर सकती है और बुरा भी कर सकती है के कारण जैसे ही इस राशि वाला जातक इस राशि के लिये अयोग्य सिद्ध होता है इस राशि का कारण ही जातक को समाप्त करने के लिये माना जाता है।

पिछले अडतीस महिने से इस राशि के लिये राहु अपने अच्छे फ़ल दे रहा है लेकिन आने वाले जनवरी दो हजार तेरह से राहु मृत्यु भाव मे गोचर करेगा वह समय इस राशि के जातक के लिये दुखदायी माना जा सकता है कारण जो भी जातक के लिये जूझने वाले कारण है उन कारणो की मानसिक गति जातक के तीसरे भाव मे होगी और यानी गुरु का गोचर तीसरे भाव मे प्रतिपक्षी के धर्म मे होगा,यही धार्मिक कारण जातक को अपमान भी दे सकते है दुर्घटना को भी दे सकते है जेल की हवा भी दे सकते है या जातक को गुप्त रूप से दक्षिण मे रहने के लिये प्रेरित भी कर सकते है,अक्सर राहु का योगात्मक प्रभाव अष्टम से होने के कारण रिस्क देने शरीर मे कमर के नीचे इन्फ़ेक्सन देने के लिये पत्नी या गुप्त रूप से साथ चलने वाले लोगो के द्वारा ही अपघात का कारण भी जाना जा सकता है.किसी प्रकार के अनैतिक सम्बन्ध भी जातक को बडा अपमान देने के लिये माने जा सकते है।

मीन राशि वाले जातक कभी भी किसी के नही होते है वह अपनी परिवार और समाज की मर्यादा से अलविदा ले चुके होते है और उन्हे विजातीय लोगो से अपना रुतवा जमाने वाले लोगो से मिलते रहने की उत्कंठा हमेशा ही बनी रहती है,जब भी वे किसी के साथ समर्पित भावना से काम करते है तो यह समझ लेना चाहिये कि या तो वे जहां काम कर रहे है उस स्थान के सभी भेद लेने के बाद अपना एक छत्र राज्य स्थापित करने के लिये कब कैसे और कहां उसे समाप्त कर दे,या किसी प्रकार से अपघात करने के बाद जिसके लिये काम कर रहे है उसे समाप्त कर दे.

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