यह प्रश्न त्रिवेंद्रम से एक सज्जन ने भेजा है,उनकी आयु इस समय इकत्तीस साल तीन माह है.वर्त्तमान में राहू की दशा चल रही है,और राहू के अन्दर शुक्र का अंतर चल रहा है,जातक का सप्तम स्थान सूर्य राहू और मंगल के बीच में है तथा विवाह के लिए कारक ग्रह गुरु सूर्य शनि के बीच में अपनी स्थिति को बनाकर रखे है.इस प्रकार से विवाह दो कनफ्यूजन के बीचमे फंसा है,शनि जिसे काम धंधा के लिए कहा जाता है तथा शनि जो शिक्षा की राशि में होने से जातक के पास खुद की सुरक्षा का कोइ बंदोबस्त नहीं है,कल उसे क्या करना है इसका भी पता नहीं है,स्वभाव से धर्मी होने के कारण कार्य कर सकता है लेकिन कार्य फल को उगाहने में दिक्कत है,इस शनि का प्रभाव जब आगे अपनी हैसियत को देखता है तो किसी संस्था में जहां लोग किसी प्रकार से रुकते है या किसी प्रकार का कार्य जो लोगो की भलाई के लिए होता है के प्रति पिता और दादा से दूर जाकर बसने वाली बात भी इसी शनि और सूर्य के घेरे की जानी जाती है.इसके अलावा जब शुक्र का स्थान चौथे भाव में होता है और शुक्र अष्टम के चन्द्र मंगल से युति बनाकर रखता है तो जातक का ध्यान अपने आप ही किसी अनैतिक संबंधो की तरफ भी चला जाता है या इसी प्रकार के लोग जातक के साथ अपने संबंधो को बनाकर चलते है. इस जातक का एक विवाह आने वाले छः मई दो हजार तेरह में होगा लेकिन वह किसी प्रकार से मानसिक द्वन्द के चलते जीवन साथी की हानि का कारण भी बनेगा,यह कारण किसी अस्पताली कारण से भी बन सकता है या किसी किराए के वाहन से दुर्घटना का कारण भी बन सकता है,इस प्रकार से जातक की दो शादियों का योग जैसे एक का कारक शुक्र और गुरु और दूसरी का कारक शनि भी माना जा सकता है दूसरी शादी का योग अपरैल दो हजार अठारह से शुरू होगा जब राहू की दशा का अंत हो जाएगा.
अगर जातक शनि के उपाय करता है तो भी जातक की शादी और वैवाहिक जीवन सही चलने के लिए माना जा सकता है जैसे इस समय की शनि की गति से जातक की शिक्षा कार्य शिक्षा के रूप में मानी जाती है जो बड़ी डिग्री या इस प्रकार की शिक्षा जो खुद के जीवन में खुद के प्रयास से सुरक्षा का कारण दे नहीं मिलाती है इसी शनि के कारण जातक को जीवन साथी की तरफ से भी विमुख होना पड़ रहा है,कारण यह शनि जीवन साथी के चुनाव में या लोगो के द्वारा जातक के प्रति रिश्ता आदि बैठाने में या तो विवाह करने के इच्छुक लोग या खुद के परिवार के लोग आपस में बेलेंस नहीं बना पाते है इसके अलावा भी जातक की कोइ परमानेंट आय नहीं होती है और जब शनि की दसवी दृष्टि चौथे भाव के शुक्र पर होती है तो जातक के पास आने जाने के वाहन के अलावा कुछ नहीं होता है यानी नगद धन के रूप में केवल अचल संपत्ति को ही माना जा सकता है.
At what age will i get married ?
ReplyDeletemy
birthday is 18-1-1982 and
time is 3.45am,and
birth place is baghi,muzaffarpur,bihar.
ritesh ranjan
From Ninth March 2012 time of marriage started.
ReplyDeleteguru ji pranaam..meri shadi kab tak hogi
Deletename - deepak
dob- 14/09/1984
time- 08:15 am
birth place village kurdi distt. baghpat uttar pradesh
Pandit ji ko mera pranam ,Apne jo rahu ke bare mei or parvati ji ki tapasya kei bare mei
ReplyDeletelikha hei usne muje impress kiya hei ,
kripya meri DOB 16 jul 1982
Time 15:35 and
Birthplace Ahmedabad(guj.) dekhkar bataiye meri marriage kitne time mei ho jayegee.