यह प्रश्न मुम्बई से एक सज्जन ने किया है,जन्म समय के अनुसार तुला लगन है,लगनेश शुक्र है शुक्र का स्थान बारहवे भाव में धनेश सम्प्तामेश मंगल और लाभेश सूर्य के साथ है.भाग्येस और व्ययेश बुध लगन में ही विराजमान है भाग्य स्थान में सुखेश और पंचमेश है.पराक्रम हिम्मत और शत्रु भाव के मालिक गुरु वक्री होकर पंचम भाव में विराजमान है.राहू धन भाव में और केतु मृत्यु भाव में विराजमान है.
राहू ने धन भाव सुख भाव शत्रु भाव और मृत्यु भाव के अलावा कार्य भाव को भी ग्रहण दिया है.इसके साथ केतु ने भी मृत्यु भाव कार्य भाव व्यय भाव धन भाव और हिम्मत तथा पराक्रम के भाव में अपना बल दिया है.केतु के द्वारा लगनेश और मृत्यु के मालिक शुक्र धनेश और सप्तमेश मंगल और लाभेश सूर्य को अपनी शक्ति से भी बल दिया है.
बुध और शुक्र का आपस में परिवर्तन योग है.शनि बुध गुरु (व्) ने नवं पंचम का योग आपस में है.चन्द्र और गुरु (व्) राहू केतु के बीच में तथा पाप कर्तरी योग में लेकिन गुरु वक्री होने के कारण केतु और राहू की पकड़ से बाहर है.
केतु का असर अष्टम स्थान में होने के कारण जातक के अन्दर एक ब्रोकर की शक्ति का विकास होता है,वह एक ब्रोकर या कमीशन एजेंट की तरह से काम करने के बाद अपने को आगे बढाता रहता है.कैरियर क रूप में भी जातक को धन और अन्य कारको की खरीद बेच का अच्छा अनुभव होता है,साथ ही जातक के अन्दर जल्दी से धन पैदा करने की शक्ति भी गुरु वक्री देता है,गुरु बेंकिंग और फायनेंश के क्षेत्र का भी मालिक है और कानूनी रूप से लिखने पढ़ने और कानूनी रूप से काम करने का भी मालिक है.
जातक के भाग्य के क्षेत्र में शनि का होना और भाग्य धर्म और इसी प्रकार की कारक चीजो के बारे में जड़ बुद्धि का होना भी माना जाता है.वर्त्तमान में जातक के द्वारा राहू से सम्बंधित कारको की खरीद बेच का काम किया जा सकता है,इस क्षेत्र में दवाईया भी आती है और इस क्षेत्र में जींस वाले सामान जो कमोडिटी के नाम से जाने जाते है आदि आते है.लेकिन राहू के धन भाव में होने से और गुरु के चन्द्रमा के साथ गोचर करने से जातक को जहां से धन का प्राप्त होना है वहीं पर धन का केवल खर्च होना माना जाता है और अगर जातक इसी प्रकार के क्षेत्र में गुरु चन्द्र की युतिके कारण नौकरी आदि करता है तो भी इस कारण से कार्य के क्षेत्र में तरक्की को नहीं माना जाता है.
जातक को अन्धो की सेवा करना सूर्य के उपाय करना गरीब लोगों में आँखों की दवाइयों से सम्बन्धित सहायता करना आदि बाते जातक को उन्नति के मार्ग पर ले जा सकती है,इसके साथ ही अगर जातक विदेश जाकर कार्य करने के प्रति अपनी आस्था को रखता है तो जातक को आने वाले दिसंबर के महीने से अपने काम खुद के शुरू कर देना ठीक रहेगा.
guruji pranam
ReplyDeleteme apka khub khub sukra guzaar hu aapne muje agay meri kundli dekh kar jo bhi kaha wo 1001%cuurrect he guruji me 2 shaalo se film & media line me productione kaa kaam karta hu as a productione assitant ye field mere lia kesi rahegi krupa kar muje bataye meri kunadali apke pass he