रामेछाप नेपाल देश से एक सज्जन ने अपनी शादी और कार्य के बारे में जानना चाहा है.उनकी कुंडली तुला लगन की है और लगनेश शुक्र मीन राशि के होकर छठे भाव में धनेश और सप्तमेश मंगल तथा लाभेश सूर्य के साथ विराजमान है.जातक के बारहवे भाव में कार्येष चन्द्रमा वक्री गुरु और वक्री शनि के साथ विराजमान है.भाग्येश बुध पंचम भाव में और केतु चौथे भाव में तथा राहू कार्य भाव में विराजमान है.भाग्येश बुध के पंचम भाव में आने से जातक के लिए कहा जा सकता है की जातक ज्योतिष का भी जानकार है और वह राहू की अधिकता से अपने कार्य के बारे में ही कनफ्यूजन में है.कारण जैसा मैंने पहले के कारणों में लिखा है की राहू केतु जब कुंडली में ग्रहों को अपने कब्जे में कर लेते है तो जातक का जीवन राहू केतु के भरोसे ही रह जाता है वह साधन के रूप में केतु और साधनों को प्रयोग करने वाली विद्या को जानने में ही पूरा जीवन व्यतीत कर देता है जैसे जैसे राहू केतु गोचर से अपने भाव बदलते जाते है वैसे वैसे जातक अपने कार्य और स्थान आदि को बदल कर अपने जीवन को चलाता जाता है.लेकिन जो भी होता है वह अठारह या चौवन महीने से अधिक नहीं होता है.
जातक की कुंडली में भी राहू कार्य भाव में है और राहू के द्वारा नवी दृष्टि से छठे भाव के लगनेश तथा अष्टमेश शुक्र को धनेश और सप्तमेश मंगल को तथा लाभेश शूरी को अपने घेरे में लिया हुआ है साथ ही बारहवे भाव में विराजमान चन्द्रमा को जो कार्य का मालिक है और गुरु जो सेवा तथा कर्जा दुश्मनी बीमारी का मालिक होने के साथ कमन्यूकेशन और अपने को दिखाने का मालिक है के साथ शनि जो अपने पैदा होने वाले स्थान माता मन मकान वाहन और यात्रा वाले कार्यों के साथ शिक्षा और बुद्धि का मालिक पर भी राहू ने अपना असर तीसरी दृष्टि से दिया है.राहू केतु की नजर से केवल बुध का बचाव हुआ है लेकिन वर्त्तमान के राहू के गोचर से इस समय बुध भी आहात है.
जातक के जीवन को विदेशी परिवेश में रहना भी मिलता है जो चन्द्रमा यात्राओं का कारण है और विदेश आने जाने के लिए जातक को बुद्धि दे रहा है बाहर रहकर दिमागी काम करना या अपने दिमाग को जल्दी से धन कमाने वाले साधनों में लगाना तंत्र मन्त्र और इसी प्रकार के कारण पैदा करना आदि से धन प्राप्त करने की स्थिति में वर्त्तमान के राहू ने अपनी कनफ्यूजन वाली स्थिति को देना शुरू किया है या किसी प्रकार के अनैतिक काम के करने के कारण भी बुध के रूप में न्याय आदि के घेरे में लाकर खडा किया है.
राहू में शुक्र की दशा चलने से भी राहू का असर किसी प्रकार से खुद के द्वारा अनैतिक रूप से प्राप्त सामान को स्त्रियों सरकारी लोगो और रक्षा सेवा से जुड़े लोगो की मिली भगत से भी सामान के भेजने और प्राप्त करने के कारणों से भी धन का कमाना मना जा सकता है.यह कार्य आने वाले जनवरी दो हजार तेरह तक ही चलेंगे उसके बाद इन कार्यों पर राहू की दृष्टि आने के कारण या किसी प्रकार से जो साथ काम करने वाले दो लोग है उनके द्वारा भेद को खोलने के कारण जातक का विदेश और अन्य लोगो के साथ जुडा कार्य खुल जाने से अचानक हानि और जेल जाने जैसे कारण भी पैदा हो सकते है.जातक को ऐसे कामो से दूर रखकर अपने मित्रो की सहायता से किसी कमन्यूकेशन या यात्रा वाले कार्यों को जो लोगो की सहायता करने के लिए जाने जाते है को करने से जातक इस राहू के दुष्प्रभाव से अपने को बचा सकता है.
शादी के लिए जातक के सप्तमेश मंगल से माता संबंधी रिश्तेदार के प्रति लगाव का होना माना जाता है यह लगाव पिछली जुलाई से शुरू हो गया है तथा आने वाली जुलाई दो हजार चौदह तक ही रहेगा उसके बाद अचानक किसी सरकारी आफत के आने के बाद यह लगाव हट जाएगा और विवाह का कारण भी रुक जाएगा,सन दो हजार अठारह से गुरु की दशा लगन के बाद एक सम्बन्ध काफी समय के लिए बनेगा लेकिन संतान के मामले में जातक को पुरुष संतान को प्राप्त करना मुश्किल होगा केवल कन्या संतान को ही प्राप्त करने का कारण कुंडली के अनुसार बनाता है.
जातक की कुंडली में भी राहू कार्य भाव में है और राहू के द्वारा नवी दृष्टि से छठे भाव के लगनेश तथा अष्टमेश शुक्र को धनेश और सप्तमेश मंगल को तथा लाभेश शूरी को अपने घेरे में लिया हुआ है साथ ही बारहवे भाव में विराजमान चन्द्रमा को जो कार्य का मालिक है और गुरु जो सेवा तथा कर्जा दुश्मनी बीमारी का मालिक होने के साथ कमन्यूकेशन और अपने को दिखाने का मालिक है के साथ शनि जो अपने पैदा होने वाले स्थान माता मन मकान वाहन और यात्रा वाले कार्यों के साथ शिक्षा और बुद्धि का मालिक पर भी राहू ने अपना असर तीसरी दृष्टि से दिया है.राहू केतु की नजर से केवल बुध का बचाव हुआ है लेकिन वर्त्तमान के राहू के गोचर से इस समय बुध भी आहात है.
जातक के जीवन को विदेशी परिवेश में रहना भी मिलता है जो चन्द्रमा यात्राओं का कारण है और विदेश आने जाने के लिए जातक को बुद्धि दे रहा है बाहर रहकर दिमागी काम करना या अपने दिमाग को जल्दी से धन कमाने वाले साधनों में लगाना तंत्र मन्त्र और इसी प्रकार के कारण पैदा करना आदि से धन प्राप्त करने की स्थिति में वर्त्तमान के राहू ने अपनी कनफ्यूजन वाली स्थिति को देना शुरू किया है या किसी प्रकार के अनैतिक काम के करने के कारण भी बुध के रूप में न्याय आदि के घेरे में लाकर खडा किया है.
राहू में शुक्र की दशा चलने से भी राहू का असर किसी प्रकार से खुद के द्वारा अनैतिक रूप से प्राप्त सामान को स्त्रियों सरकारी लोगो और रक्षा सेवा से जुड़े लोगो की मिली भगत से भी सामान के भेजने और प्राप्त करने के कारणों से भी धन का कमाना मना जा सकता है.यह कार्य आने वाले जनवरी दो हजार तेरह तक ही चलेंगे उसके बाद इन कार्यों पर राहू की दृष्टि आने के कारण या किसी प्रकार से जो साथ काम करने वाले दो लोग है उनके द्वारा भेद को खोलने के कारण जातक का विदेश और अन्य लोगो के साथ जुडा कार्य खुल जाने से अचानक हानि और जेल जाने जैसे कारण भी पैदा हो सकते है.जातक को ऐसे कामो से दूर रखकर अपने मित्रो की सहायता से किसी कमन्यूकेशन या यात्रा वाले कार्यों को जो लोगो की सहायता करने के लिए जाने जाते है को करने से जातक इस राहू के दुष्प्रभाव से अपने को बचा सकता है.
शादी के लिए जातक के सप्तमेश मंगल से माता संबंधी रिश्तेदार के प्रति लगाव का होना माना जाता है यह लगाव पिछली जुलाई से शुरू हो गया है तथा आने वाली जुलाई दो हजार चौदह तक ही रहेगा उसके बाद अचानक किसी सरकारी आफत के आने के बाद यह लगाव हट जाएगा और विवाह का कारण भी रुक जाएगा,सन दो हजार अठारह से गुरु की दशा लगन के बाद एक सम्बन्ध काफी समय के लिए बनेगा लेकिन संतान के मामले में जातक को पुरुष संतान को प्राप्त करना मुश्किल होगा केवल कन्या संतान को ही प्राप्त करने का कारण कुंडली के अनुसार बनाता है.
GURU JI MERI SHAADI KAB HOGI LOVE MARRIAGE HOGI YA ARRANGE MARRIAGE ?
ReplyDeleteD.O.B.- 26-MAY-1983
TIME - 07:00 PM
CITY-SATNA (M.P.)
चन्द्र राशि से सप्तमेश शुक्र राहु के साथ अष्टम स्थान मे है इसलिये शादी किसी विदेशी स्त्री से होनी है जो ईशाई या इसी प्रकार की जाति से सम्बन्ध रखती हो.
ReplyDeleteguru ji meri shaadi kab hogi?love hogi ya arrange hogi ???
ReplyDeleteD.O.B:11-12-MAY-1982
TIME:04:06AM
CITY:AZAMGARH(UTTAR PRADESH)
guru ji meri shaadi kab hogi?love hogi ya arrange hogi ???
ReplyDeleteD.O.B:-29-JULY-1982
TIME:01:13AM
CITY:KANGRA (HIMACHAL PRADESH)
guru ji mera naam sunil kumar rawat hai mera janam 15/08/1979 ko 7.10 p.m uttar pradesh ke sonebhadra zilae me hua hai. meri naukari kaisi ho gi mere pass dhan sampatti kaisi hogi aur apana makan kab tak ho ga guru gi mera bhavisya batiye.mera bhavisya kaisa ho ga.
ReplyDeleteguru ji meri shadi kab honi hai
ReplyDeletename --ajeet singh
date of birth-- 13-oct-1985, birth time- 6:50pm, birth place--- noida( delhi/ncr)
or guru ji love hogi ya arrange
my dob 23/12/1988 time 7:30 pm place- lucknow guru ji meri shaadi kab hogi?love hogi ya arrange hogi ???
ReplyDeleteजन्म कुंडली देखनी हे
ReplyDeleteक्या में 10 पास हु या नही
ReplyDeletethanks for the information
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