प्रस्तुत कुंडली मकर लगन की है और स्वामी शनि वक्री होकर बारहवे भाव में विराजमा है,जातक के द्वारा प्रश्न किया गया है की उसकी सेहत और कार्य कैसा है,लगनेश के छठे भाव में बीमारी का कारण माना जाता है और लगनेश से दसवे भाव से कार्य के लिए देखा जाता है,वैसे कार्यों की मानसिक स्थिति के लिए चन्द्रमा से भी देखना जरूरी होता है की जातक की मानसिक सोच में अगर कोइ कार्य नहीं है तो वह कार्य को करने के लिए क्या सोचता है और उसे करना क्या होता है. जातक का चन्द्रमा सप्तम में विराजमान है और जातक के लगनेश से अष्टम भाव में है साथ ही चन्द्रमा से छठे भाव में लगनेश है,इस प्रकार से जातक के लिए शनि से सम्बन्धी बीमारियों के लिए माना जा सकता है.बीमारी का कारण पंचम से और बीमारी का समय छठे से तथा बीमारी का ठीक होने का कारण तीसरे भाव से देखना जरूरी होता है.जातक के पंचम भाव में शुक्र और बुध की युति है शुक्र का कारण मनोरंजन से भी माना जा सकता है और शुक्र का बुध से सम्बन्ध होने से मनोरंजन भी इस प्रकार का होता है जो धन से सम्बंधित हो और यह अक्सर पंचम की गति से जल्दी से धन कमाने लाटरी शेयर आदि कार्य से भी माना जाताहै.पिछले समय से शनि ने नवे भाव में गोचर किया है और इस गोचर के कारण जातक को इन कार्यों से मिलाने वाली आय या जो भी कार्य जातक के द्वारा किये जा रहे थे वे वक्री शनि के साथ राहू की पिछली गोचर वाली स्थति से साफ़ होने माने जाते है अक्सर यह युति या तो किसी अस्पताल में भर्ती करवा देती है या जेल पहुंचा देती है,लेकिन इस शनि पर गुरु और सूर्य की मिली जुली शक्ति जाने से जातक के लिए दोनों ही मामूली सा असर देने के बाद दूर होनी मानी जाती है.वर्त्तमान में चन्द्रमा और केतु को राहू जो लाभ भाव में है और जातक के प्रति पारिवारिक रूप से धन के रूप से और मान मर्यादा के रूप से चिंता देने वाला माना जाता है यह समय पिछले मई के महीने से अधिक माना जाता है वैसे तो जातक के चालीस महीने इन्ही कारणों में गुजरे माने जा सकते है,जातक के लिए यह प्रभाव आने वाली जनवरी दो हजार तेरह तक बहुत अधिक मात्रा में चाल्ने का कारण भी जाना जाता है उसके बाद ही जातक अपने कार्यों और शरीर में राहत को महसूस कर सकता है.
सेहत और कार्यों के प्रति जातक को राहू चन्द्र की युति से बचने एक तरीका बहुत अच्छा है की वह अपने रहने वाले स्थान को कुछ समय के लिए बदल दे.जो भी पानी उसके द्वारा पिया जा रहा है उसके अन्दर बदलाव कर दे,जो भी उसके द्वारा कार्य किये जा रहे है उनके अन्दर बदलाव कर दे और व्यवसायिक स्थान या किसी प्रकार से जनता के अन्दर किये जाने वाले कार्यों को बंद करने के बाद अपने लिए मानसिक शान्ति का उपाय करना शुरू कर दे,कारण इस राहू की चन्द्रमा और केतु से युति के कारण सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पद सकता है और जो भी धन आदि के उपक्रम आदि किये जाते है उनके अन्दर कोइ न कोइ दिक्कत का बना रहना माना जाता है इससे न तो भोजन का सही पचना होगा और न ही जल्दी से धन कमाने के क्षेत्र में लाभ ही होगा,अगर जातक को धर्म में विशवास है तो शिव की आराधना सेवा पूजा तथा दुर्गा सप्तशती के पाठ जातक को फ़ायदा दे सकते है.
सेहत और कार्यों के प्रति जातक को राहू चन्द्र की युति से बचने एक तरीका बहुत अच्छा है की वह अपने रहने वाले स्थान को कुछ समय के लिए बदल दे.जो भी पानी उसके द्वारा पिया जा रहा है उसके अन्दर बदलाव कर दे,जो भी उसके द्वारा कार्य किये जा रहे है उनके अन्दर बदलाव कर दे और व्यवसायिक स्थान या किसी प्रकार से जनता के अन्दर किये जाने वाले कार्यों को बंद करने के बाद अपने लिए मानसिक शान्ति का उपाय करना शुरू कर दे,कारण इस राहू की चन्द्रमा और केतु से युति के कारण सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पद सकता है और जो भी धन आदि के उपक्रम आदि किये जाते है उनके अन्दर कोइ न कोइ दिक्कत का बना रहना माना जाता है इससे न तो भोजन का सही पचना होगा और न ही जल्दी से धन कमाने के क्षेत्र में लाभ ही होगा,अगर जातक को धर्म में विशवास है तो शिव की आराधना सेवा पूजा तथा दुर्गा सप्तशती के पाठ जातक को फ़ायदा दे सकते है.
its different kind of post
ReplyDeletehow to get a heathy life
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