Friday, October 28, 2011

राहु और दिमागी भ्रम

गोचर का राहु अपने अनुसार चिन्ता को देता है.केतु का गोचर चिन्ता का निवारण करता है.नाम राशि से चिन्ता का होना जन्म राशि से कहीं अधिक महत्व रखता है उसका एक कारण जो मुख्य रूप से माना जाता है वह है कि नाडी हमेशा नाम राशि को अपने कथन के लिये आगे रखकर चलती है। नाडी का उद्देश्य चन्द्रमा और चन्द्रमा की कलाओ पर अपने रूप को प्रदर्शित करने की क्षमता को भी रखना माना जाता है और साढे चार सेकेण्ड के भाग को वह नाडी के रूप मे अपने रूप को प्रदर्शित करने के कारण को बनाता है.इस बात को रावण संहिता जैसे ग्रंथ मे भी प्रकट किया गया है.रावण से ज्योतिष और राज्य का ज्ञान लेने पहुंचे लक्ष्मण जी से रावण ने सात पत्ते पान के लाने के लिये कहा,और जब वे पान के पत्ते लेकर आये तो उन पत्तो को सुई से बींधने के लिये कहा,जब पत्ते लक्ष्मण जी के द्वारा बींधे गये तो ऊपर वाला पत्ता सोने का उससे नीचे का चांदी का उससे नीचे का तांबे के रूप मे प्रकट हुआ,रावण ने बताया कि सभी पत्ते एक बार मे ही बींधे गये थे,लेकिन बींधने के समय मे अन्तर पैदा होने के कारण ही इन पत्तो की धातुओं मे बदलाव हो गया है,यही प्रकार जन्म समय के अनुसार भी माना जाता है।

राहु का गोचर नाम की राशि से अलग अलग रशियों पर जो प्रभाव डालता है वह इस प्रकार से है,जैसे राहु का गोचर वर्तमान मे वृश्चिक राशि पर और केतु का गोचर वृष राशि मे है,अगर मेष राशि वाले नाम के लिये की जाने वाली चिन्ता को देखना होगा तो पहले राहु को इस राशि के अष्टम के प्रति देखकर और राहु की द्रिष्टि वाले भावो की चिन्ता को उजागर करने पर मेष राशि के जातक की चिन्ता को जाना जा सकता है.उस चिन्ता के दूर करने वाले उपायो के लिये केतु को देखना होगा,उस केतु की द्रिष्टि वाले भावो और उपायो के लिये ग्रहों के बल को देखना पडेगा,इस प्रकार से चिन्ता का निवारण भी इन्ही दोनो छाया ग्रहों के द्वारा किया जा सकता है बाकी की शक्ति को अन्य ग्रहो और भाव तथा राशि के मालिकों का प्रयोग करने पर किया जाना माना जायेगा। जैसे राहु का स्थान मेष राशि में अष्टम स्थान मे है,इस राशि वालो को पहली चिन्ता सामने चलने वाले कार्यों पर होगी पिता के पराक्रम पर होगी माता के धर्म पर होगी,बाहरी स्थानो के रहने वाले स्थानो की होगी जेल या बन्धन वाले कारणो की होगी उसके बाद घर बनाने की घर मे रहने की और रहने वाले स्थान के प्रति होगी सबसे अधिक कारण कार्यों और पिता के प्रति माने जा सकते है.ऐसे ही सभी राशियों के प्रति अपने अपने भावो और राशियों के अनुसार माना जा सकता है.

4 comments:

  1. GURU ,G, MAIN TO AAPKI KUNDLI KA PARNE KA KAYAL HUI.JITNI BHI TARIF KARU KAM HAI.

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  2. मुझे प्रसन्नता है कि आपको मेरा लिखा अच्छा लगा.आशा है इसी प्रकार से आप प्रोत्साहन बढाते रहेंगे.धन्यवाद.

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  4. 12/06/1986 4:00 bikaner konsi job shi h

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