यह प्रश्न एक सज्जन ने अपने भाई का जबलपुर से भेजा है प्रस्तुत कुंडली सिंह लगन की है और लगनेश सूर्य बुध के साथ चौथे भाव में वृश्चिक राशि के होकर बैठे है,कार्यों के लिए तीन रूप माने जाते है एक स्वयं की मेहनत से किये जाने वाले कार्य होते है एक प्राथमिक रूप से बुद्धि और मानसिक बल से किये जाने वाले कार्य होते है तथा एक ऊंची शिक्षा के बाद मिलाने वाले कार्य होते है.जातक के लगनेश सूर्य मंगल की राशि में विराजमान है और बुध तथा केतु के द्वारा बलवान है.बड़े भाई के कारक बुध साथ है जो कर्जा दुश्मनी बीमारी अपमान रिस्क आदि में सहायता करने वाले साथ ही घर और परिवार के लिए अपनी युति को पिता के साथ दे रहे है.बड़े भाई का स्थान ग्यारहवे भाव से देखा जाता है वैसे तो तीन भाइयों की औकात गुरु मंगल चन्द्र से मिल रही है लेकिन इस कुंडली में दो भाई और एक बहिन का अच्छा योग मिल रहा है.कार्य के कारक शनि का स्थान पंचम स्थान में सूर्य के साथ है और शनि की दृष्टि सप्तम में नौकरी करने वाले मामले में पत्नी के मामले में सहायता देने वाले तथा मंत्रणा देने वाले कारको को नकारात्मक प्रभाव दे रहे है,ग्यारहवे भाव में विराजमान गुरु को भी अपनी शक्ति से दिक्कत देने वाले है नगद धन के भाव और कुटुंब की तरफ भी अपनी युति को देने के बाद फ्रीज बना रहे है. वैसे जातक के पास पिता का दिया हुआ सभी कुछ है किसी बात की कमी नहीं है लेकिन ऊंची शिक्षा नहीं होना कारण मंगल जो ऊंची शिक्षा कारक है वह तीसरे भाव में चन्द्रमा के साथ बैठ गया है और इस कारण से केवल कार्य करने और अपनी मनमानी करने से व्यपारिक शिक्षाओं को पूरा नहीं करना भी माना जा सकता है.राहू के द्वारा मंगल और चन्द्रमा को कार्य के लिए उद्वेलित करने के बाद जातक को कुछ समय तो बहुत जोर से ताव आता है की वह सभी कुछ थोड़े समय में ही करने के बाद दिखा देगा लेकिन कुछ समय बाद अचानक आलस का दौरा पड़ता है और सभी काम जस के तस रखे रह जाते है.किसी भी जोखिम लेने की जल्दी भी जातक को केवल इसलिए हो जातीहै क्यों की जातक के ग्यारहवे भाव गुरु वक्री होकर बैठा है और यह गुरु मित्र भाव की राशि में होने के कारण जोखिम के लिए मित्रो का प्रभाव जातक पर हावी हो जाता है.
खुद के कार्यो के लिए दूकान या खुद का काम करने के लिए केतु जो बारहवे भाव में है और माता खानदान से अपनी युति को बनाकर बैठा है के लिए जातक अपने खुद के काम को माता खानदान की सहायता से कर सकता है,सरकारी नौकरी में अपने लिए न्याय से सम्बन्धित क्षेत्र में यात्रा और इसी प्रकार के क्षेत्र में मंगल चन्द्र के एक साथ होने से जातक सरकारी और पबलिक कार्यों के बीच में चलने वाली योजनाओं के लिए अपनी योग्यता को प्रदर्शित कर सकता है लेकिन राहू के छठे भाव में होने से जातक की नीयत में कोइ भी कमी आजाने से नौकरी का कारक भी जाएगा और जातक के जीवन में दाग लगाने से आगे की जिन्दगी में भी कोइ न कोइ दिक्कत आने का कारण बनेगा.
जातक को प्राइवेट रूप से कार्य करवाने पर जातक अपनी मर्जी से धन को कमाने का बहाना खोज सकता है,लेकिन कार्य वही होने चाहिए जो यात्रा से सम्बंधित या कमन्यूकेशन वाली कम्पनियों में जो कार्य जनता के अन्दर फ़ैल कर किये जाते है.
Guruji parnam .Date-07/04/1985 Time-05:05am place-Hardoi (U.P.) guruji krpa ka batye ke gov job or privat job karuga.mara margdarshn kare me kesh fild me kam karu.
ReplyDeleteyagnadatt
ReplyDelete28/05/1991
16:06
ahmedabad
gujarat
pichhle 8 saal se berojgar hu.
kya mujhe sarakari job milegi ? career aur goverment job ke liye kya sun stone dharan kar sakata hu?
note:-auguest 2019 me mujhe sarakari job ki offer mile thi but karan vash hajir nahi ho saka tha.