कुम्भ लगन और राशि की कुंडली में शुक्र को ही रहने वाले स्थान यानी घर का मालिक कहा जाता है शुक्र की स्थिति को देखकर ही मकान का रूप समझा सकता है.इस जातक की कुंडली कुम्भ लगन की है और इसकी कुम्भ ही राशि है शुक्र का स्थान इसके दूसरे भाव में मीन राशि में है और इस शुक्र की नवम पंचम की युति में कोइ भी ग्रह नहीं है.शुक्र को देखने वाले ग्रहों में अष्टम स्थान से लगनेश शनि वक्री होकर देख रहे है और मंगल जो की जातक के बारहवे भाव का भी मालिक है और तीसरे भाव का भी मालिक है साथ है,जातक को अपने स्थान में रहने का कारण इसलिए भी नहीं मिल पाया है क्योंकि जातक का गुरु नवे भाव बैठ कर तुला राशि में वक्री हो गया है,इस गुरु के कारण जातक को बाहर ही रहना पडा है और वह किसी प्रकार से अपने लिए घर और परिवार की बात भी नहीं सोच पाया है,वैसे त्रिकोण से चन्द्र राहू और गुरु की युति से यह भी समझा जाता है की जातक को किसी न किसी प्रकार की विदेशी कार्यों और कानूनों के प्रति लगाव रहा है और अधिकतर ट्रांसफर जैसी नौकरी करने के बाद उसे रहने के लिए समय समय पर स्थान मिलते रहे है.
राहू हमेशा चिंता को देने वाला कहा गया है,वर्त्तमान में राहू का स्थान जातक के दसवे स्थान में है वह वह घर बनाने के लिए दूसरे भाव के शुक्र यानी बाहर के किसी संपत्ति को बेचने के बाद अथवा किसी बाहरी सहायता से धन को कमाने की बात सोच रहा है,घर बनाने का समय सत्रह जून से जब गुरु घर के भाव में प्रवेश करेगा शुरू हो जाएगा.
राहू हमेशा चिंता को देने वाला कहा गया है,वर्त्तमान में राहू का स्थान जातक के दसवे स्थान में है वह वह घर बनाने के लिए दूसरे भाव के शुक्र यानी बाहर के किसी संपत्ति को बेचने के बाद अथवा किसी बाहरी सहायता से धन को कमाने की बात सोच रहा है,घर बनाने का समय सत्रह जून से जब गुरु घर के भाव में प्रवेश करेगा शुरू हो जाएगा.
pranam pandit ji hamara apna gher kab banega . mere date of birth 15/12/1983 hai aur janam sthan una himachal main hai
ReplyDeletepandit g aap bata skte hai ki mera apna ghar kb tak banega
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